योग भारतीय परंपरा की अमूल्य धरोहर - जस्टिस डी पी सिंह



लखनऊ 10  अगस्त 2020 - जस्टिस डी पी सिंह पूर्व न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद, खंडपीठ लखनऊ एवं योग संस्थान, लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अमरजीत यादव के द्वारा रचित पुस्तक योग का दार्शनिक एवं वैधानिक विमर्श का विमोचन लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के कमेटी कक्ष में प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया।

विमोचन समारोह में प्रो. आलोक कुमार राय माननीय कुलपति जी ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में योग एवं अल्टरनेटिव मेडिसिन संकाय की स्थापना कि गयी हैं जिसमे स्नातक से लेकर परास्नातक तक का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह पुस्तक योग के विद्यार्थियों एवं शिक्षको के लिए उपयोगी सिद्ध होगी वर्तमान के स्वास्थ्य संकट में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। जस्टिस डी पी सिंह ने कहा कि योग भारतीय परंपरा की अमूल्य धरोहर है भारतीय योग को अपनाकर स्वास्थ्य, भाईचारा, तथा जीवन चेतना एवं राष्ट्र चेतना का विकास किया जा सकता हैं वर्तमान समय की आवश्यकता हैं कि योग विषय में निरंतर शोध किया जाए तथा भारतीय वेदों पुराणों उपनिषदों में निहित योग के वर्णन से जन साधारण को परिचित किया जाय।

डॉ अमरजीत यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा इन्होंने बताया कि इस पुस्तक में योग के दार्शनिक एवं वैधानिक पक्ष को स्पष्ठ किया गया हैं जिससे योग के विद्यार्थी शिक्षक एवं चिकित्सक योग के दार्शनिक एवं वैद्यानिक पक्ष से भली भांति अवगत हो पाएंगे इस अवसर पर श्री राजीव शर्मा (आई. ए. एस.) (सदस्य राज्यस्य परिषद) तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह उपस्थित थे।