बच्चे के कार्य व्यवहार में बदलाव नजर आए तो सावधान हो जाएँ



  • हर वक्त कोरोना की ख़बरें व बातें कर सकती हैं मानसिक रूप से प्रभावित
  • काउंसिलिंग के लिए ले सकते हैं हेल्पलाइन की मदद

लखनऊ, 26 जुलाई 2020 - चारबाग़  में रहने वाली 10 वर्षीय कनिष्का बात-बात पर रोने लगती है, किसी भी काम  को बहुत देर तक नहीं कर पाती है और हर बात पर जिद करना यह कुछ बदलाव हैं जो उसकी माँ मनीषा ने पिछले कुछ महीनों में महसूस किये हैं |

कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल मार्च से बंद चल रहे हैं | पिछले साढ़े चार माह से बच्चे घर पर ही हैं | उनका घर से निकलना लगभग न के बराबर  है | एक तरफ तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक ही है लेकिन इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि वह कहीं न कहीं मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं | वह एक नियमित दिनचर्या में ढल गए हैं  जो उनके मन को कहीं न कहीं प्रभावित कर रहा है | वह घर से ही ऑनलाइन क्लासेस कर रहे हैं  |

मानसिक स्वास्थ के राज्य नोडल अधिकारी डा. सुनील पाण्डेय बताते हैं कि कोरोना ने सभी आयु वर्ग के लोगों को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है लेकिन बच्चे विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं |  टीवी पर कोरोना से सम्बंधित खबरें,   परिवार के सदस्यों के बीच कोरोना के बारे में बात करना कहीं न कहीं उन्हें चिंता ग्रस्त कर रही हैं  | जो कि उनके शारीरिक व् मानसिक विकास को प्रभावित करती हैं |

डा. पाण्डेय कहते हैं – अभिभावक अपने बच्चे की अच्छी व बुरी आदतों को पहचानते हैं अगर उसमें कुछ बदलाव हो रहा है तो उस पर ध्यान देने की जरूरत है | यदि आपका बच्चा बार-बार गुस्सा करता है या छोटी-छोटी बातों पर नखरा करता है,  तो आप सतर्क हो जाइये | बच्चे हों या बड़े सभी को अच्छी नींद लेनी चाहिए अगर आपका बच्चा ठीक से नहीं सो रहा है तो भी आपको ध्यान देने की जरूरत है | इसके साथ ही कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनसे आप उनकी मनोस्थिति को समझ सकते हैं जैसे किसी भी काम में मन लगना, एकाग्रचितता की कमी, पढ़ाई में मन न लगना यदि आपके बच्चे के कुछ टेस्ट हुए हैं और पहले के परिणामों की  अपेक्षा अगर उसका परिणाम अच्छा नहीं है आदि |  यदि आप अपने  बच्चे में इस तरह से परिवर्तन महसूस कर रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है | आप जिला अस्पताल में जाकर काउंसलर्स से परामर्श ले सकते हैं | साथ ही ई संजीवनी एप के द्वारा वीडियो  काउंसलिंग उपलब्ध है | साथ ही अपने जिले के सायकोलोजिस्ट और साइकैट्रिस्ट से  मोबाइल पर परामर्श ले  सकते हैं |  राज्य हेल्पलाइन नं. 18001805145 पर भी  इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं |