पांच साल में सात बार, टीका न छूटे एक भी बार



  • मिशन इंद्रधनुष 4.0 का दूसरा चरण शुरू
  • झरना टोला यूपीएचसी से सीएमओ ने किया शुभारंभ

गोरखपुर - पांच साल में सात बार, टीका न छूटे एक भी बार के स्लोगन के साथ मिशन इंद्रधनुष 4.0 का दूसरा चरण शुरू हो गया । महानगर के झरना टोला शहरी स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने इसका उद्घाटन एक सप्ताह की बच्ची को पल्स पोलियो की ड्रॉप पिला कर किया ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा और इसमें नियमित टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती के टीकाकरण पर जोर होगा । स्वास्थ्य विभाग 12 प्रकार के टीके सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर प्रत्येक बुधवार व शनिवार को निःशुल्क उपलब्ध करवाता है । इन सत्रों के दौरान जिन बच्चों और गर्भवती को टीका नहीं लग पाया है, उन्हें आशा कार्यकर्ता ढूंढ कर मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण का लाभ दिलवाएंगी ।

डॉ दूबे ने बताया कि अभियान के तहत 3878 सत्र आयोजित किये जाएंगे जिनमें दो वर्ष तक के 19523 बच्चों को टीका लगेगा । इसी प्रकार 6072 गर्भवती का टीकाकरण भी किया जाएगा । अभियान का शुभारंभ प्रत्येक सरकारी अस्पताल से किया गया है । सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है । इसे गहन निगरानी में कोल्ड चेन में रखा जाता है । ऐसे में लोगों को चाहिए कि इस सेवा का लाभ लें और अपने बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों से बचाएं। इस अभियान का पहला चरण पिछले माह सात मार्च से पंद्रह मार्च तक चला था । इसमें दो वर्ष से कम उम्र के 20047 बच्चों और 5308 गर्भवती का टीकाकरण किया गया था ।

उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण 12 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और  हीमोफिलस इंफ्लूएंजा से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है। जहां निजी अस्पतालों में इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं ।

रानीडीहा की रहने वाली रंभा देवी ने अपने डेढ़ साल की बच्ची वैष्णवी का टीकाकरण करवाया । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की सूचना उन्हें आशा कार्यकर्ता संगीता देवी ने दी थी । गांव में टीकाकरण सत्र के दौरान वह बच्ची को टीका लगवाती हैं । टीका लगवाने के बाद कभी-कभी बुखार होता है तो एएनएम की मदद से दवा मिल जाती है जिसे बच्ची को खिलाती हैं और बुखार ठीक हो जाता है । इसी इलाके की ज्योति ने भी अपनी एक सप्ताह की बच्ची को पल्स पोलियो का ड्रॉप पिलवाया । बच्ची को बीसीजी का भी टीका लगा । उन्होंने बताया कि उनका बड़ा बेटा पांच साल की उम्र पूरी कर चुका है । बच्चे को सभी टीके गांव पर ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निःशुल्क लगे हैं। वह दूसरी बार स्वास्थ्य केंद्र पर आई हैं। पहली बार कोविड टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र आना हुआ था ।

शहरी स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा डॉ शालिनी ने बताया कि टीकाकरण सत्र के आयोजन में प्रभावती, पूनम, सोनम, पल्लवी, सीमा, अर्चना, पुष्पा, विभा, प्रियंका, अनुपमा, सुजीत, विनय, सुनील कुमार, सुशील, फूल कुमारी, सत्यावती और सुनील कुमार सिंह ने विशेष सहयोग दिया ।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एएन प्रसाद, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ एके चौधरी, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ संदीप पाटिल, यूनिसेफ के रिजनल कोआर्डिनेटर संदीप श्रीवास्तव, डीएमसी नीलम यादव, यूएनडीपी के प्रतिनिधि राजीव रंजन, पवन सिंह और सीएचएआई संस्था से दिलीप गोविंद राव प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

यह निःशुल्क टीके हैं आवश्यक :

•    बच्चे के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस बी एवं पोलियो की जीरो डोज लगेगा
•    बच्चे के डेढ़ महीने का होने पर पेंटावैलेट एक, ओपीवी एक, एफआईवीपी एक, रोटा एक एवं पीसीवी एक लगेगा
•    बच्चे के ढाई महीने का होने पर पेंटावेलेट दो, ओपीवी दो और रोटा दो लगेगा
•    बच्चे के साढ़े तीन महीने का होने पर पेंटावेलेट तीन, ओपीवी तीन, एफआईपीवी दो, रोटा तीन एवं पीसीवी दो लगेगा
•    बच्चे को नौ से बारह महीने की उम्र में एमआर एवं जेई पहला टीका, पीसीवी और विटामिन ए देंगे।
•    16 से 24 माह की उम्र में बच्चे को    एमआर, जेई, डीपीटी, ओपीवी और विटामिन ए हर 6 माह पर 5 साल तक देंगे।
•    बच्चे को पांच से छह साल की उम्र में डीपीटी दो लगेगा
•    बच्चे को 10 साल की उम्र में टीडी का टीका लगेगा
•    बच्चे को 16 साल  की उम्र में टीडी
•    गर्भवती को टीडी का टीका लगता है ।