जादू कार्यक्रम के जरिए कुष्ठ रोग के प्रति किया जागरूक



लखनऊ - स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान के तहत बृहस्पतिवार  को सामुदायिक  स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) काकोरी  में सिकंदर बादशाह जादूगर के जादू कार्यक्रम के माध्यम से कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को जागरुक किया गया  |

इस अवसर पर अधीक्षक डा.  दिलीप भार्गव ने कुष्ठ रोग की पहचान के बारे में जानकारी दी |  उन्होंने कहा - यदि त्वचा पर हल्के या तांबई रंग के धब्बे हों  और उनमें संवेदनहीनता हो तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है | इसके साथ ही हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी , नसों में दर्द, कान या चेहरे पर सूजन , हाथ या पैरों में  सुन्नता या घाव होने पर भी स्वास्थ्य केंद्र  पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए |  
नॉन मेडिकल एसिस्टेंट (एन.एम.ए.) धर्मेन्द्र दीक्षित ने  कहा कि  यह बात ध्यान देने वाली है कि  हर दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है | यदि समय से उपचार शुरू कर दिया जाये तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) द्वारा ठीक किया जा सकता है | सीएचसी काकोरी सहित प्रदेश के सभी सरकारी स्वास्थय सुविधाओं पर एमडीटी निःशुल्क उपलब्ध है।

जादूगर ने उपस्थित लोगों को बताया -  समय से पहचान एवं नियमित उपचार से कुष्ठ रोग पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है | इसमें त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं,  जो कुष्ठ रोग की शुरुआती पहचान हैं | यह कुष्ठ रोग ग्रसित  व्यक्ति के जीवाणु द्वारा फैलता है | जो संक्रामक व्यक्ति के खाँसने, छींकने और थूकने से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है |