पाँच करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश



लखनऊ । सम्पूर्ण भारत में उत्तर प्रदेश ने शीर्ष स्थान पर कायम रहते हुए नया कीर्तिमान पाँच  करोड़ से भी अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जाने का आंकड़ा पार किया है। पिछले एक वर्ष में यूपी में इस योजना के अंतर्गत 2.80 करोड़ से भी अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। यूपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं वाली इस योजना के क्रियान्वयन में बेहतरी का प्रयास निरंतर किया जा रहा है, जिसका परिणाम है कि यूपी इस योजना के क्रियान्वयन में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। योजना के क्रियान्वयन हेतु निर्धारित विभिन्न मापदंडों में यूपी देश भर में प्रथम स्थान पर है।

योजना के अंतर्गत सभी पात्र व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूरे देश में आयुष्मान भवः अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रदेश में 17 सितम्बर 2023 से अब तक पूर्व के पाँच वर्षों में बने 3.06 करोड़ के अतिरिक्त केवल आठ माह के अंतराल में 1.94 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं जो कि इस अभियान के अंतर्गत बनाए गए आयुष्मान कार्ड की संख्या के आधार पर सम्पूर्ण भारत में सर्वाधिक है।
वर्तमान में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत पूरे प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्रों के वार्ड/नगर पंचायतों में विशेष कैंप आयोजित किया जा रहा है। इस संकल्प यात्रा की शुरुआत 15 नवम्बर 2023 से हुई थी एवं इस अभियान के अंतर्गत अब तक 59 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।

सीईओ साचीस संगीता सिंह ने बताया कि पाँच करोड़ आयुष्मान कार्ड उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन कार्यरत स्टेट हेल्थ एजेंसी (साचीज़) की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह उपलब्धि केंद्र स्तर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सतत सहयोग, राज्य के उच्चाधिकारियों के कुशल नेतृत्व व आयुष्मान भारत की टीम, जमीनी कार्यकर्ता, पंचायत सहायक, एएनएम, मेडिकल ऑफ़िसर, आशा एवं अन्य कार्यकर्ताओं के संगठन और कार्य के प्रति समर्पण एवं प्रतिबद्धता का परिणाम है। इस उपलब्धि के साथ-साथ प्रतिदिन इस योजनान्तर्गत निःशुल्क उपचार पाने वाले मरीजों की संख्या में भी वृद्धि परिलक्षित हुई है। इस योजनान्तर्गत पूर्व में औसतन प्रतिदिन भर्ती मरीजों की संख्या दो हज़ार थी जो कि बढ़कर प्रतिदिन औसतन लगभग आठ हजार हो गई है।
   
प्रदेश में योजना के लाभार्थियों के उपचार हेतु 5000 से भी अधिक निजी एवं सरकारी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। इन अस्पतालों में सामान्य बीमारियों से लेकर कैंसर, हृदय रोग, अंग प्रत्यारोपण जैसी गंभीर बीमारियों का भी उपचार संभव है।
इस योजना के अधीन, भविष्य में भी प्रदेश सतत प्रगतिशील रहेगा, एवं स्वास्थ्य सूचकांकों में उत्तरोत्तर सुधार के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

एक नज़र आंकड़ों पर:

  • प्रदेश में योजनाओं से आच्छादित कुल लाभार्थी परिवारों की संख्या – 1,80,47,024
  • प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित कुल लाभार्थी परिवारों की संख्या – 1,31,23,662
  • मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड एवं अंत्योदय अन्न योजना – 49,23,362
  • प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना में आबद्ध कुल चिकित्सालयों की संख्या - 5,351
  • सरकारी चिकित्सालय: 2,795
  • निजी चिकित्सालय: 2,556
  • कुल उपचारित लाभार्थी की संख्या: 34,81,252
  • अब तक बनाये गए कुल आयुष्मान कार्डों की संख्या 5,00,17,920

भारत की जनसँख्या की दृष्टि से भारत में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है एवं भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना, अर्थात् आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य के सफलतापूर्वक संचालन एवं  योजनान्तर्गत लाभार्थियों हेतु स्वास्थ्य को उच्च स्तर पर ले जा कर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मुहैया  कराये जाने हेतु प्रतिबद्ध है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के अंतिम व्यक्ति तक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ एवं आसानी से उपलब्ध कराना है, जिसके अंतर्गत पात्र परिवार को प्रतिवर्ष पाँच लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। योजना के अंतर्गत, एन.एच.ए द्वारा लॉन्च की गयी आयुष्मान ऐप के माध्यम से अब कोई भी पात्र लाभार्थी स्वयं अपना कार्ड बना सकता है, जिसके लिए उसे गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान ऐप डाउनलोड करना होगा और मोबाइल पर इंस्टॉल करने के बाद बड़ी आसानी से अपना आयुष्मान कार्ड बना सकता है, जिसका परिणाम यह है कि लाभार्थी स्वयं अपना कार्ड बना रहे हैं जिससे आयुष्मान कार्ड संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।