1024 निक्षय मित्र 3050 टीबी मरीजों को दे रहे हैं पोषण और मानसिक संबल



  • बुजुर्ग टीबी मरीज को गोद लेकर एसटीएस ने मनाई मां की पुण्यतिथि
  • नये मरीजों को खोजने के लिए दक्ष किये जा रहे हैं चिकित्सक

गोरखपुर। टीबी मरीजों को गोद लेकर पोषण और मानसिक संबल देने के लिए लोग स्वतः स्फूर्त चेतना से भी आगे आने लगे हैं । जिले में ऐसे 1024 निक्षय मित्र 3050 टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें सहयोग कर रहे हैं । इसी कड़ी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज टीबी यूनिट के सीनियर ट्रिटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) अमित कुमार मिश्र ने एक बुजुर्ग टीबी मरीज को गोद लेकर अपने मां की पुण्यतिथि मनाई । अमित इससे पहले भी दो टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं और उन्हें प्रति माह पोषण पोटली देते हैं। साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग नये मरीजों को खोजने के लिए चिकित्सकों को अलग अलग समूह में दक्ष भी कर रहा है।

एसटीएस अमित ने बताया कि उनकी मां विजेश्वरी देवी 75 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुई थीं। सोमवार को मां की तीसरी पुण्यतिथि थी । एक 72 वर्षीय टीबी मरीज उनके टीयू से ही इलाज करवा रहे हैं जिनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। मरीज का परिवार उनके इलाज में बीआरडी मेडिकल कॉलेज आने से पहले ही लाखों रुपये कर्ज लेकर खर्च कर चुका है । अब वह मरीज को सरकार की तरफ उपलब्ध कराई जाने वाली सभी सुविधाएं दिलवा रहे हैं । मां की पुण्यतिथि पर उन्होंने बुजुर्ग मरीज को गोद लेने का निर्णय लिया और तय किया कि उन्हें हर माह पोषक सामग्री देंगे और उनका हालचाल भी लेते रहेंगे ।

चरगांवा ब्लॉक के 72 वर्षीय टीबी मरीज आनंद (काल्पनिक नाम) ने बताया कि उन्हें पहले से ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दिक्कत थी। इसी बीच दिसम्बर में खांसी और बुखार भी परेशान करने लगा । तबीयत इतनी बिगड़ गयी कि निजी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा जहां परिजनों ने कर्ज लेकर उनका इलाज करवाया। जब परिजन निजी अस्पताल में इलाज करवाने में असमर्थ  हो गये तो डॉक्टर की सलाह पर मेडिकल कॉलेज गये जहां जांच में टीबी की पुष्टि हुई । वहां से हर माह उन्हें दवा मिलती है। करीब डेढ़ माह के इलाज के बाद खांसी और बुखार की दिक्कत उन्हें नहीं हो रही है। हर माह दवा मिल जाती है और पोषण के लिए एक हजार रुपये भी खाते में आ चुके हैं । एसटीएस अमित मिश्र ने उन्हें फल, मूंगफली, सोयाबिन, दाल आदि की पोटली देकर आश्वस्त किया है कि वह इलाज के साथ साथ अच्छे खानपान में भी हरसंभव उनकी मदद करेंगे। इससे उनका और उनके परिवार का हौसला बढ़ा है और वह जल्दी ठीक हो जाएंगे। पोषण के लिए मिले पैसे और अमित के सहयोग से वह निरंतर पौष्टिक खाना जैसे दूध, अंडा, मीट, दाल, फल आदि का सेवन कर सकेंगे।

सभी के सहयोग से सफल हो रहा है कार्यक्रम : जिला क्षय अधिकारी डॉ गणेश यादव ने बताया कि सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में सामाजिक लोग, संस्थाएं और कर्मचारी नये मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं । रेड क्रास सोसाइटी ने अकेले पांच सौ मरीजों को गोद लिया है । नये टीबी मरीजों को खोजने के लिए दक्षता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शहर के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के चिकित्सकों का भी संवेदीकरण किया गया है । मंडलीय कारागार में जेल रेडियो और ट्रैफिक सिग्नल्स पर लगे आडियो सिस्टम से भी लोगों को टीबी बीमारी के बारे में जागरूक किया गया है । जिले में इस समय 9938 डीएस टीबी मरीज और 377 डीआर टीबी मरीज उपचाराधीन हैं।