उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां दिव्यांगजन के लिए 02 विश्वविद्यालय सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ



  • मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में दिव्यांगजन को ट्राई साईकिल एवं अन्य सहायक उपकरणों का वितरण किया। उन्होंने दिव्यांगजन द्वारा बनाये गये उत्पादां के स्टॉलों का अवलोकन किया तथा विभिन्न दिव्यांगजन आईकॉन को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यहां तीन दिवसीय दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी के आयोजन से दिव्यांगजन की प्रतिभा को आम लोगों से जोड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। यह एक अभिनन्दनीय पहल है। उत्तर प्रदेश देश का सम्भवतः पहला राज्य होगा, जिस राज्य में दिव्यांगजन के लिए 02 विश्वविद्यालय सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। शासन द्वारा संचालित डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट के दिव्यांगजन छात्रों ने भी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी को प्रस्तुत किया है। सरकार द्वारा दिव्यांगजन के सशक्तीकरण के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किये गये हैं, जिसके द्वारा दिव्यांगजन के कल्याण का कार्य हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर दिव्यांगजन के लिए अनेक संस्थान भी संचालित हैं। इन संस्थानों का नियमित निरीक्षण भी शासन द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा वहां पर अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की उपलब्धता, तकनीक से जुड़ाव आदि कार्य सुनिश्चित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको यह समझना होगा कि यदि कोई कमी होती है, तो उसकी प्रतिपूर्ति ईश्वर स्वयं करता है। महान कवि सूरदास जी, विश्व विख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस, जगद्गुरू श्री रामभद्राचार्य आदि दिव्यांग होने के बावजूद महान प्रतिभा के उदाहरण हैं। अनेक उदाहरण यह बताते हैं कि दिव्यांगजन में अलौकिक प्रतिभा है, बस हमें प्रोत्साहन देने की जरूरत है। दिव्यांगजन सरकार व समाज के द्वारा प्रोत्साहन के हकदार हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां आयोजित कार्यक्रम में 30 मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, 100 मैन्युअल ट्राईसाइकिल, 04 स्मार्ट छड़ी, 03 हियरिंग ऐड आदि वितरित किए गए हैं । यहां पर आयोजित प्रदर्शनी में 05 फूडकोर्ट, 03 पुस्तक गैलरी सहित अन्य स्टॉल भी लगाए गए हैं। प्रदेश में वर्तमान में 10 लाख 40 हजार से अधिक दिव्यांगजन को 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। उन्होंने प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से आह्वान किया कि दिव्यांगजन परिवार के पास आवास, पेंशन, मुफ्त शिक्षा आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। जो दिव्यांगजन चलने-फिरने में असमर्थ है, लेकिन हाथ से कार्य कर सकते हैं, उनको मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल देने की कार्यवाही तेजी से की जाये।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रतिभावान दिव्यांगजन, जो लगनशील व कार्यशील हैं, उनको आगे बढ़ाया जाये। पहले दिव्यांगजन को 300 रुपये पेंशन प्रतिमाह ही प्राप्त होती थी, शासन ने उसे बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। इसको भी आगे बढ़ाने का कार्य किया जायेगा। शासन द्वारा 11,671 लोगों को कुष्ठावस्था पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत उन्हें आवास का लाभ भी दिया जा रहा है। 12 लाख 53 हजार दिव्यांगजन परिवारों को आयुष्मान कार्ड भी उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कॉक्लियर इम्प्लांट के तहत 115 बच्चों को 06 लाख रुपये प्रति बच्चा व्यय करते हुए सर्जरी का भी कार्य कराया गया।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 21 विशेष विद्यालयों में 1608 दिव्यांगजन बच्चें शिक्षा प्राप्त कर रहे है। 02 दिव्यांगजन विश्वविद्यालय में लगभग 7600 दिव्यांगजन छात्र अध्ययन कर रहे हैं। आज प्रदेश में 18 बचपन डे केयर सेंटर, 03 बेल प्रेस की सुविधा उपलब्ध है। रोडवेज बसों में दिव्यांगजन के लिए निःशुल्क यात्रा उपलब्ध है। खेलकूद के लिए भी शासन द्वारा विशिष्ट स्टेडियम उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मेरठ, बरेली व गोरखपुर में सरकारी मानसिक मंदित आश्रय स्थल भी दिव्यांगजन के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार इनकी बुनियादी संरचना को और बेहतर करने के लिये कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन की प्रतिभा व आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। दिव्यांगजन में विशिष्ट ईश्वरीय शक्ति के कारण ही प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें विकलांग के स्थान पर दिव्यांग शब्द से सम्बोधित किया है। हमें दिव्यांगजन की उपेक्षा नहीं, बल्कि सम्मान व स्वावलम्बन के लिए रास्ते खोलने होंगे। यदि इनके स्वावलम्बन व सम्मान का मार्ग प्रशस्त होगा, तो इनकी प्रतिभा का लाभ प्राप्त कर समाज भी सशक्त बनेगा। उन्होंने कहा कि जो भी निराश्रित दिव्यांगजन किसी भी कारण से लाभ से वंचित रह गये हैं, सरकार उनका सम्बल बनकर प्रत्येक स्तर पर सहयोग करेगी।