यूपी सक्रिय रूप से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को अपनाने के लिए प्रयत्नशील



  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा देश भर में स्थापित की जाने वाली 100 माइक्रोसाइट परियोजनाओं में से 35 माइक्रोसाइट परियोजनाओं का क्रियान्नवयन जो कि कुल संख्या का लगभग एक तिहाई है, उत्तर प्रदेश में किया जा रहा

लखनऊ - डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक रूप से अपनाने में तेज़ी लाने और स्वास्थ्य देखभाल को आम जनमानस हेतु अधिक सुलभ एवं समावेशी बनाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम), उत्तर प्रदेश, ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के अंतर्गत सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान 35 माइक्रोसाइट्स कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कि गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने जुलाई 2023 में एबीडीएम के तहत 100 माइक्रोसाइट्स परियोजना की घोषणा की थी। निश्चित तौर पर 35 माइक्रोसाइट्स कार्यक्रम के तहत रोगियों, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित सभी स्वास्थ्य हितधारकों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने से सभी को इसका लाभ मिलेगा। विशेष रूप से  मरीज़ों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने और स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच को आसान बनाने का राज्य का सपना जल्द ही साकार होगा।

उत्तर प्रदेश में 35 माइक्रोसाइट्स के  उद्घाटन के दौरान इस बात की पुष्टि करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इसे "राज्य में स्वास्थ्य सेवा सुविधायों में क्रांति लाने के लिए सरकार के सहयोगात्मक प्रयास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर" बताया। माइक्रोसाइट्स के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए प्रमुख सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि "परियोजना का उद्देश्य क्लीनिक, पॉलीक्लिनिक, अस्पताल, प्रयोगशाला और फार्मेसी सहित सभी निजी सुविधाओं को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एकीकृत करना, लोगों को इसकी जानकारी देकर सशक्त बनाना, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं में समग्र सुधार लाना है।''

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के मिशन निदेशक श्री रंजन कुमार ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि उत्तर प्रदेश आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को अपनाने में देश में एक मॉडल के रूप में उभर रहा है। 45000 से अधिक एचपीआर (हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री), 6.4 करोड़ से अधिक आभा कार्ड बनाकर राज्य पूरे देश में शीर्ष स्थान पर है । साथ ही 40,000 एचएफआर (हेल्थकेयर सुविधा पंजीकरण) करके देश में दूसरे स्थान पर है।

परियोजना के उद्देश्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण देते हुए मिशन निदेशक और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक डॉ. मोहित सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र के प्रदाताओं में जागरूकता बढ़ाने और "मरीजों और प्रदाताओं दोनों के लिए इसके विभिन्न लाभों को प्रदर्शित करने" के लिए माइक्रोसाइट्स को लागू किया जा रहा है। लाभों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने बताया कि इससे मरीज़ों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उन्हें अनावश्यक लाइन में नहीं लगना पड़ेगा और ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाने में कहीं अधिक सहूलियत होगी। साथ ही मरीज़ों और प्रदाताओं दोनों के समय की बचत होगी। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के ज़रिये अस्पताल में डिजिटल भर्ती और डिस्चार्ज की प्रक्रिया सुलभ होगी और मरीजों के स्वास्थ्य संकेतकों को ट्रैक करने की क्षमता बढ़ेगी, "अब पूरा ज़ोर मरीज़ के अनुभव को बेहतर बनाने पर होगा।"

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के ढांचे के बारे में बताते हुए बीएमजीएफ इंडिया कंट्री ऑफिस के राज्य स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण के उप निदेशक डॉ. देवेंद्र खंडैत ने कहा कि माइक्रोसाइट एक लक्षित पहल है जो क्लीनिक, अस्पताल और प्रयोगशाला जैसी छोटे और मध्यम वर्ग के निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए अनुकूलित हस्तक्षेप प्रदान करती है। और इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में उनका एकीकरण सुनिश्चित करती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, भारत सरकार के श्री ओम प्रकाश और नरेंद्र सिंह ने 35 माइक्रोसाइट्स को लागू करने और राज्य के सबसे दूरस्थ और अंतिम नागरिक तक डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्य आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन इकाई और राज्य स्वास्थ्य प्रणाली के प्रयासों और प्रतिबद्धता की सराहना की। श्री सिंह ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य प्रणाली द्वरा भागीदारों और एजेंसियों के चयन से लेकर कार्यान्वयन, निगरानी, समीक्षा और फंड जारी करने जैसे सभी निर्माण खंडों को सुनिश्चित करने, विकास भागीदारों द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्रणाली को सहयोग करने, क्षमता निर्माण और अनुभव को प्राप्त कर उसका उपयोग आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन अडाप्शन कि गतिविधियों मे करने से सम्पूर्ण हेल्थ इको सिस्टम मे एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई के जॉन एंटनी ने कहा कि इस परियोजना का कार्यान्वयन मुख्य रूप से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है। उक्त गतिविधि मे डेवलपमेंट पार्टनर के रूप में पाथ, डब्ल्यू जे सी एफ, पिरामल व आईआईसी संस्थाएं और इंटरफेसिंग एजेंसियों में डॉक्टर्स फॉर यू और एचएलएफपीपीटी शामिल हैं और ये एजेंसियां लंबे समय से राज्य स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में काम कर रही हैं।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, उत्तर प्रदेश (एबीडीएम, यूपी) कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में 35 माइक्रोसाइट्स लॉन्च कार्यक्रम में  बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई द्वारा सहयोग किया गया।