क्लब फुट से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सकों को किया गया प्रशिक्षित



  • आरबीसके आरबीएसके के तहत अनुष्का फाउंडेशन ने प्रशिक्षित किया प्रशिक्षकों को

लखनऊ। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) के तहत स्वयंसेवी संस्था अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट (एएफईसी)  क्लब फुट से पीड़ित बच्चों का इलाज करती है।

इसी क्रम में  स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में संस्था के सहयोग से बुधवार को दो दिवसीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम एरा मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल आठ प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए महानिदेशक, परिवार कल्याण डा. बृजेश राठौड़ का कहना है कि क्लबफुट बीमारी बच्चों में अंदर की ओर मुड़े हुए पैरों की एक जन्मजात विकृति है। संस्था द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य क्लबफुट के इलाज के लिए पॉनसेटी विधि  में मास्टर ट्रेनर्स को विकसित करना है। क्लब फुट से पीड़ित बच्चों के इलाज में यह विधि कारगर है। संस्था ने राज्य सरकार के साथ साझेदारी की है ताकि वह क्लबफुट कार्यक्रम को लागू कर सके। संगठन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके), आशा कार्यकर्ताओं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, समुदाय स्वास्थ्य केंद्रों और अस्थि रोग विशेषज्ञों  के साथ सहयोग करता है जिससे कि क्लबफुट और उनके उपचार कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की आरबीएसके की उप महाप्रबंधक डा.रेशमा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आठ लखनऊ, कानपुर, बस्ती सहित आठ जनपदों के जिला अस्पतालों के अस्थि रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

संस्था के प्रोग्राम मैनेजर सिरीष श्रीवास्तव और आशीष भदौरिया ने बताया कि इससे पहले गत सप्ताह भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर अस्थि रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया गया था। एएफईसी के क्लबफुट कार्यक्रम के माध्यम से साल 2030 तक क्लबफुट से पीड़ित 70 फीसद बच्चों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत में लगभग 200 प्रशिक्षकों की आवश्यकता होगी। इसी क्रम में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इस मौके पर प्रशिक्षण, संयुक्त निदेशक अमित सिंह, एरा मेडिकल कॉलेज के कुलपति डा.ए.ए.मेहंदी और एरा मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग के विभागाध्यक्ष डा. जी.के. सिंह मौजूद रहे।