फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई जरूरी



  • फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक
  • ब्लॉक कल्याणपुर व पतारा के विभिन्न क्षेत्रों पर हुआ कार्यक्रम, मिलीं एमएमडीपी किट

कानपुर नगर - फाइलेरिया एक गंभीर लाइलाज बीमारी है । यह जमीन की ओर लटक रहे जुड़वा अंगों जैसे -महिलाओं के स्तन, महिला पुरुष के हाथ पैर व पुरुषों के अंडकोश में सूजन पैदा कर देती है । प्रभावित अंगों की ठीक से देखभाल न की जाय तो बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है । इसलिये फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई जरूरी है। इसके लिए जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में फाइलेरिया रोगियों को (रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम) एमएमडीपी किट प्रदान कर मरीजों को प्रभावित अंगों की देखभाल के तरीके बताए जा रहे हैं  ।

मंगलवार को कल्याणपुर और पतारा ब्लॉक के विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 50 से अधिक फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की। ब्लॉक कल्याणपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अर्पित सिंह ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही पतारा ब्लॉक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ रूचि सचान ने रोगियों को फाइलेरिया के लक्षण, जांच, उपचार व परामर्श के बारे में जानकारी दी।  

इस मौके पर पाथ संस्था के प्रतिनिधि डा. अनिकेत कुमार ने उपस्थित फाइलेरिया मरीजों को बताया कि फाइलेरिया प्रभावित अंगों में सूजन न बढ़े इसलिए जरूरी है कि उनमें व्यापक मूवमेंट हो । उन्होंने उपस्थित फाइलेरिया रोगियों से कहा कि जो भी समान दिया गया है उसका उपयोग फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल में करें और  प्रशिक्षण में फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल करने के बारे में जो जानकारी दी जाए उसको अमल में लाएं। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के ब्लॉक समन्वयक रवि ने प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए मरीजों को कुछ व्यायाम का अभ्यास कराया और दी गयी किट के माध्यम से प्रभावित अंगों की साफ सफाई के तरीके सिखाये। जिससे प्रभावित अंगों में किसी प्रकार के संक्रमण न हो। इस मौके पर पहले से एमएमडीपी का प्रशिक्षण प्राप्त फाइलेरिया नेटवर्क समूह  कटरा घनश्याम के सदस्य वशिष्ट तिवारी (58) और सोमवती (54) ने बताया की प्रशिक्षण के दौरान जो  व्यायाम और साफ सफाई के बारे में बताया गया है उसका नियमित रूप से अभ्यास कर रहें है। साथ ही किट के जरिये हम अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करते हैं।

क्या है फाइलेरिया : जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी न हो इसके लिए साल में एक बार दो वर्ष से अधिक आयु के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जाता है। इसके अलावा इस रोग से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग व घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई, इक्कठा हुए पानी को नष्ट कर मच्छरों से बचा जा सकता है ।