स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आएं युवा : अमृता सोनी



  • प्रदेश में रक्त की कमी को दूर करने को चलेगा अभियान

लखनऊ - आयुष्मान भव: अभियान के सेवा पखवाड़ा के तहत 17 सितम्बर से दो अक्टूबर के बीच प्रदेश में जगह-जगह रक्तदान शिविर आयोजित किये जाएंगे। राज्य रक्त संचरण परिषद ने प्रदेश के सभी जिलों में रक्तदान शिविर आयोजित करने की पूरी तैयारी कर ली है और इसके लिए युवाओं को आगे आने की अपील की है।

उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की परियोजना निदेशक अमृता सोनी का कहना है कि रक्तदान महादान है। स्वैच्छिक रक्तदान की प्रदेश को बहुत जरूरत है। हर साल लगभग 22 लाख यूनिट रक्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है, लेकिन स्वैच्छिक रक्तदान कम होने से लगभग 16 लाख यूनिट ही लाभार्थियों को मुहैया करा पाते हैं। प्रदेश मे हर साल मांग मे वृद्धि हो रही है,  इसलिए स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जाना और मांग व पूर्ति के बीच की खाई को पाटने की नितांत आवश्यकता है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के उद्देश्य से जागरूकता बढ़ाने और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से संतृप्त करने के लिए आयुष्मान भव: अभियान प्रारंभ किया गया है। अभियान के सबसे महत्वपूर्ण घटक के रूप मे सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है। सेवा पखवाड़ा के तहत 17 सितम्बर से दो अक्टूबर तक लगातार रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे। सभी ब्लड बैंकों को कम से कम चार रक्तदान शिविर आयोजित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य रक्त संचरण परिषद के अध्यक्ष डॉ. हीरा लाल का कहना है कि परिषद द्वारा सेवा पखवाड़ा को सफल बनाने की पुरजोर कोशिश की जा रहीं है। इसके लिए पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, रेड रिबन क्लब, रेडक्रॉस सोसायटी, रोटरी क्लब और समस्त रक्त केंद्रों की लगातार बैठक की जा रहीं हैं और पूरा प्रयास है कि हम लक्षित रक्त संग्रह कर पाएंगे। ब्लड बैंकों को रक्त कोष पोर्टल पर रक्तदान का पंजीकरण और नियमित स्टॉक अद्यतन किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। अभियान में गैर सरकारी संस्थाओं को स्वैच्छिक रक्तदान हेतु शिविर लगाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।

राज्य रक्त संचरण परिषद की सदस्य सचिव डॉ. गीता अग्रवाल का कहना है कि सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत परिषद का पूरा प्रयास है कि अधिक से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित हों और ज्यादा से ज्यादा लोग इस महादान अभियान से जोड़े जाएँ। सेवा पखवाड़ा की सफलता लोगों के स्वैच्छिक प्रतिभाग पर निर्भर करती है और इस महान काम के लिए सभी को विशेष कर युवा वर्ग को आगे आना होगा,  जिससे उत्तर प्रदेश के हर एक व्यक्ति जिसे रक्त की आवश्कता हो, उसे प्रत्येक दशा में रक्त उपलब्ध हो सके।