परिवार नियोजन कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की अहम भूमिका-डॉ नंद कुमार



  • दंपति सम्पर्क पखवाड़े में पात्र लाभार्थी को प्रेरित कर सेवा दिलाने की अपील
  • निजी क्षेत्र के सम्बद्ध सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय एवं क्षमता वर्धन बैठक सम्पन्न

गोरखपुर - मध्यम वर्गीय परिवारों को परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने में निजी क्षेत्र के अस्पताल अहम भूमिका निभा सकते हैं । ऐसे परिवारों के योग्य दंपति को ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ के सभी साधनों की जानकारी देने के साथ उन्हें सेवा दिलाई जाए । साथ ही  जो लोग निजी क्षेत्र से सेवा ले रहे हैं उनकी रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग से साझा की जाए । जिले में 27 जून से शुरू होकर 10 जुलाई तक चलने वाले दंपति सम्पर्क पखवाड़े के दौरान योग्य दंपति को सही जानकारी देकर 11 जुलाई से 31 जुलाई के बीच सेवा से जोड़ने का प्रयास करना है । यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने कहीं। वह निजी क्षेत्र के सम्बद्ध सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय एवं क्षमता वर्धन बैठक को सीएमओ ऑफिस के प्रेरणा श्री सभागार में मंगलवार की शाम को सम्बोधित कर रहे थे।

नोडल अधिकारी ने बताया कि सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया की मदद से जिले में 35 से अधिक निजी अस्पतालों को परिवार नियोजन सम्बन्धित गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है । इस समय जिले में विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का पहला चरण दंपति सम्पर्क पखवाड़ा चल रहा है । ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और एएनएम को दिशा निर्देश है कि वह घर घर जाकर दंपति से सम्पर्क करें और पात्र लाभार्थी को नसबंदी, आईयूसीडी और त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन की सेवा लेने के लिए तैयार कर उनकी लिस्ट बनाएं । मध्यमवर्गीय परिवारों से जुड़े दंपति बड़ी संख्या में प्रसवपूर्व और प्रसवकालीन सेवाओं के लिए निजी क्षेत्र के अस्पतालों में आते हैं । ऐसे अस्पतालों में उन्हें परिवार नियोजन सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी जानी चाहिए और उन्हें उनका मनपसंद साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए । निजी अस्पतालों को इससे सम्बन्धित शिक्षाप्रद सामग्री संस्था की मदद से उपलब्ध कराई जाती है । स्थायी सेवाओं में महिला नसबंदी और पुरुष नसबंदी शामिल हैं, जबकि अस्थायी सेवाओं में कंडोम, माला एन, छाया, पीपीआईयूसीडी, अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी प्रमुख तौर पर शामिल हैं ।

डॉ नंद कुमार ने कहा कि निजी अस्पताल सेवा प्रदान करने के साथ साथ उसकी प्रतिमाह रिपोर्टिंग भी करें जिससे जिले में परिवार नियोजन सेवाओं की वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जा सके और जिले का सूचकांक भी बेहतर हो । निजी और सरकारी क्षेत्रों का सही डेटा मिलने से नीति निर्माताओं को भी आवश्यकतानुसार कदम उठाने में मदद मिलती है और इससे परिवार नियोजन सेवाएं सुदृढ़ होंगी । इस अवसर पर डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि केवल सिंह सिसौदिया व प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं ।

14.7 फीसदी है जिले की अनमेट नीड : नोडल अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण  (एनएचएफएस)-पांच के आंकड़ों के अनुसार जिले का अनमेंट नीड 14.7 फीसदी है । इसका आशय है कि हर 100 में 14 से 15 महिला या पुरुष ऐसे हैं जो परिवार नियोजन का साधन अपनाना चाहते हैं लेकिन इन साधनों की जानकारी या पहुंच उन तक नहीं है । यह पहुंच बनाने में निजी क्षेत्र की भी अहम भूमिका है ।

सफल बनाएंगे अभियान : कार्यक्रम की प्रतिभागी निजी क्षेत्र की चिकित्सक डॉ मधु गुलाटी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है जो हर तीन महीने में होनी चाहिए । उनका खुद का प्रयास रहेगा कि कि बंसफोर समुदाय के लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूक करें और उन्हें साधन भी उपलब्ध करवाएं। साथ ही उनके अस्पताल आने वाले दंपति को सेवा देने के साथ साथ उनकी रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित करेंगी ।