सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा व 'एक कदम सुपोषण की ओर' अभियान का शुभारम्भ



लखनऊ -  वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में बुधवार को सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा और "एक कदम सुपोषण की ओर' अभियान का शुभारम्भ सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रविन्द्र द्वारा किया गया।

प्रदेश स्तर पर संचालित गतिविधियों तथा डायरिया से बचाव एवं पोषण के महत्व पर महाप्रबन्धक, बाल स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. वेद प्रकाश द्वारा विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाल मृत्युदर एवं डायरिया के केस में पहले से काफी कमी आई है। प्रदेश में मातृ एवं नवजात मृत्य दर में कमी लाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास सफल हो रहे हैं। आज से प्रारम्भ हो रहे सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े और एक कदम सुपोषण की ओर का प्रमुख उद्देश्य बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त के प्रबन्धन एवं उपचार के लिए तन्त्र को सुदृढ़ करना, साथ ही उच्च प्राथमिकता व अतिसंवेदनशील समुदायों में जागरूकता प्रदान करना, कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों में डायरिया होने की सम्भावना पर विशेष ध्यान देना व स्वच्छता एवं हाथों को साफ रखने से विभिन्न रोगों से परिवार को सुरक्षित रखना है।

कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रविन्द्र ने कहा कि बच्चों में दस्त प्रबंधन और सुपोषण हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और बाल एवं महिला कल्याण विभाग के समन्वय से प्रारंभ किये जा रहे अभियानों "सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा" एवं "एक कदम सुपोषण की ओर" कार्यक्रम जनमानस के लिये अन्यन्त महत्वपूर्ण है।

महत्वपूर्ण यह है कि इस महत्वपूर्ण चर्चा को पखवाडा / एक माह तक ही सीमित न करें बल्कि इसको प्रतिदिन व वर्ष के 365 दिन तक महत्व दिया जाये ।डायरिया से बचाव हेतु साफ-सफाई एवं स्वच्छता महत्पूर्ण भूमिका निभाती है।

डा. सलमान खान, वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ वीरांगना अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय द्वारा हैण्ड वाशिंग प्रदर्शन एवं ओआरएस एवं जिंक टैबलेट देने की विधि का प्रदर्शन किया गया । कार्यक्रम में सचिव रविन्द्र द्वारा बच्चों / अभिभावको को ओआरएस पैकेट, कुपोषित बच्चों को उपचार किट, गर्भवती एवं धात्री माताओं को आईएफए तथा कैल्शियम टैबलेट का वितरण किया गया साथ ही लाभार्थी बच्चों के अभिभावकों को पूर्ण प्रतिरक्षित प्रमाण पत्र का वितरण किया गया।

कुपोषित बच्चों की पहचान एवं समुचित प्रबन्धन सुनिश्चित करने के महत्व पर निदेशक आईसीडीएस ने कहा कि आईसीडीएस विभाग द्वारा सम्भव अभियान का आयोजन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान की जायेगी। एक कदम सुपोषण की ओर अभियान के दौरान प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र पर ऐसे बच्चों को लाकर ए.एन.एम. द्वारा उनका पुनर्परीक्षण, आवश्यक प्रबंधन तथा आवश्यकतानुसार संदर्भन किया जायेगा। इस अभियान को तत्परतापूर्वक चलाकर समस्त कुपोषित बच्चों की पहचान कर, उनको इस समस्या से मुक्त करने का यह सुनहरा अवसर है। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका वीरांगना अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय लखनऊ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

कार्यक्रम में निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका वीरांगना अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका वीरांगना अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय, अपर निदेशक-परिवार कल्याण, संयुक्त निदेशक-परिवार कल्याण, महाप्रबन्धक-बाल स्वास्थ्य-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उप्र, डा. सलमान खान-वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ वीरांगना अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय उपस्थित रहे।