टीबी उन्मूलन में जिला केमिस्ट एसिएशन भी निभाये अहम भूमिका- डीटीओ



बाराबंकी  - जिला क्षय रोग अधिकारी डा विनोद कुमार दोहरे एवं औषधि नियंत्रण अिधकारी की अध्यक्षता में शेड्यूल एच वन को लेकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन की एक बैठक जिला अस्पताल स्थित जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर  की गई। इस दौरान डीटीओ ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में केमिस्ट एसोसिएशन भी सहयोग करेगा।

औषधि नियंत्रण अधिकारी सीमा सिंह ने बताया कि इस दौरान प्रजेंटेशन के माध्यम से शेड्यूल एच-1 में आने वाली सभी टीबी की दवाओं का मेडिकल स्टोरों पर रजिस्टर बनाने तथा इसकी मासिक रिपोर्ट डॉट्स के भेजने के मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिए गये। उन्होंने कहा कि शेड्यूल एच-1 की दवा ले रहे समस्त टीबी रोगियों की सूचना प्राप्त करना तथा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत मरीजो को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाने के लिए आगे आने जरूरत है।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति अच्छी सेहत की बदौलत ही अपना सुखमय जीवन यापन कर सकता है। कई बार बीमारी के चलते व्यक्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इसलिए अस्पताल प्रबंधकों व केमिस्टों का नैतिक कर्त्तव्य बनता है कि उनका सही मार्ग दर्शन करें। उन्होने बताया कि केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों व अस्पताल के डाक्टरों ने लोगों को सेहत सुविधाओं को आधुनिक ढंग से उपलब्ध करवाने के लिए विचार-विमर्श किया।

हवा के माध्यम से फैलती है टीबी : टीबी रोगी व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो हवा के माध्यम से यह एक दूसरे में फैलती है। मधुमेह, एचआईवी से ग्रसित व कुपोषित व्यक्तियों में इसके होने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों का शीघ्र इलाज इसके प्रसार को रोकने का सबसे तरीका है। क्योंकि इलाज शुरू होने के तीन सप्ताह बाद मरीज की खांसी गैर संक्रामक हो जाती है और इसका प्रसार रुक जाता है। उन्होने बताया निक्षय दिवस के माध्यम से संभावित टीबी मरीजों को खोजने में मदद मिलेगी साथ ही मरीज को जल्द इलाज की सुविधा मिल जाएंगी।

टीबी के प्रमुख लक्षण हैं : दो सप्ताह या अधिक समय से लगातार खांसी आना, बुखार होना, रात में पसीना आना, भूख न लगना, वजन में गिरावट आना।

इस मौक पर पीपीएम जिला समन्वयक रितेश कुमार सिंह, केमिस्ट एसोसिएशन  के संतोष जायसवाल, विजय कुमार गुप्ता, विजय कुमार वर्मा, अवधेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।