क्षय रोगी खोज अभियान में अभी तक मिले 203 संभावित क्षय रोगी



  • इन रोगियों के बलगम के नमूने भेजे गए जांच के लिए
  • पाँच फरवरी तक ढूँढे जाएंगे क्षय रोगी

हरदोई - राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत साल का पहला क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) 20 फरवरी से दो चरणों में चलाया जा रहा है। पहला चरण 20 से 23 फरवरी तक  जेलों, मदरसों आदि में चलाया गया। इस दौरान 8296 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई और 203 संभावित क्षय रोगियों की पहचान कर उनके बलगम के नमूने जांच के लिए भेजे गए जिसमें से एक क्षय रोगी मिला, जिसका उपचार प्रारम्भ कर दिया गया। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने दी | उन्होंने बताया कि  दूसरा चरण शुक्रवार से शुरू होगा जो कि 24 फरवरी से 05 मार्च तक चलेगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले की कुल आबादी के सापेक्ष 20 फीसद आबादी में क्षय रोग के लक्षणों की जांच की जाएगी । जनपद की लगभग 49.36 लाख आबादी के सापेक्ष 20 फीसद यानि लगभग 10.05  लाख आबादी को आच्छादित किए जाने का लक्ष्य है। दूसरे चरण के दौरान एनटीईपी के कर्मचारी सहित आशा कार्यकर्ता और एएनएम ग्रामीण एवं शहरी मलिन बस्तियों एवं उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के घर-घर जाकर क्षय रोगियों को खोजेंगे। इस अभियान के लिए 337 टीम गठित की गयी हैं। हर टीम में तीन सदस्य शामिल होंगे। इस तरह 1011 स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं 71 सुपरवाइजर अभियान में प्रतिभाग करेंगे जिनकी निगरानी उनके क्षेत्र के मेडिकल आफिसर टीबी सेन्टर (एमओटीसी) करेंगे।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि नाखून एवं बालों को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। केवल फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। जनपद में 23 टीबी यूनिट, 43 डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी),तीन सीबीनॉट एवं नौ ट्रूनॉट मशीन हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी ने सभी से अपील की कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का अवश्य सहयोग करें।

यह हैं टीबी के लक्षण : टीबी के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है। यदि किसी को दो हफ्ते से ज्यादा खाँसी आए, शाम के समय बुखार आए,सीने में दर्द हो, थकान आए, बलगम में खून आये, रात में पसीना आता हो या लगातार वजन घट रहा हो तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।