फाइलेरिया की पीड़ा को समझने वाले प्रिंसिपल ने स्कूल के सभी बच्चों को खिलाई दवा



लखनऊ - फाइलेरिया की पीड़ा को बक्शी का तालाब ब्लॉक के कठवारा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनुराग मुखर्जी से बेहतर भला और कौन समझ सकता है । इसी सीख का नतीजा है कि उन्होंने विद्यालय के सभी 250 विद्यार्थियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाकर उनको बीमारी से सुरक्षित बनाने का काम किया है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम  के तहत जनपद में 10 से 27 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन(आईडीए राउंड) अभियान चलाया जा रहा है।

प्रधानाध्यापक का कहना है कि उनका दायाँ पैर हाथीपाँव या फ़ाइलेरिया  बीमारी से प्रभावित है और वह इससे लगभग 10 साल से पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण सामान्य जीवन जीना मुश्किल होता है। जिस पीड़ा से वह गुजर रहे हैं वह नहीं चाहते  कि कोई और भी इस पीड़ा से गुजरे। वह बताते हैं कि जागरूकता के अभाव और बड़ों की लापरवाही  से बच्चे फाइलेरिया जैसी बीमारी की गिरफ्त में न आने पाएँ, क्योंकि बच्चों का तो अभी पूरा जीवन पड़ा है। इसलिए विद्यालय के सभी बच्चों को दवा का सेवन कराया है। इस मुहिम में आशा कार्यकर्ता नीलम और पुष्पा व फाइलेरिया रोगी नेटवर्क की सदस्य मालती और प्रवेशा ने पूरा साथ दिया। अभियान से पहले वह कई बार  स्कूल में आए और बच्चों के अभिभावकों से भी मिलकर उन्हें स्वयं दवा खाने और बच्चों को खिलाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर प्रधानाध्यापक ने खुद भी दवा का सेवन किया और विद्यालय के सभी शिक्षकों को भी दवा का सेवन कराया।

इसी क्रम में कठवारा जूनियर हाईस्कूल के 97 बच्चों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव का एकमात्र रास्ता फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है। जनपद मे 10 फरवरी सेशुरू हुए  सर्वजन दवा सेवन(आईडीए) अभियान के तहत अभी तक 24 लाख से अधिक लोगों ने दवा का सेवन किया है। सभी लोगों से अपील है कि जब स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर पर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराने आयें तो जरूर करें। यदि किसी वजह से सेवन नहीं कर पाते हैं तो घर के नजदीक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करें, एक भी व्यक्ति छूटा तो सुरक्षा चक्र टूटा।