नगरीय पीएचसी छितवापुर में सर्वाइकल कैंसर जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित



  • कुल 56 महिलाओं ने कराई जांच
  • तीन महिलाओं में  सर्वाइकल कैंसर के प्रारम्भिक लक्षणों की पुष्टि

लखनऊ - स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में प्रोग्रेसिव फाउंडेशन के एंजिया (NJIA) कार्यक्रम के तहत नगरीय  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर छितवापुर पर शुक्रवार को सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ । स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन क्षेत्रीय पार्षद सुशील कुमार तिवारी उर्फ पम्मी ने फीता काटकर किया।

क्षेत्रीय पार्षद ने कहा कि स्वास्थ्य शिविर में उपस्थित सभी महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की जांच जरूर करवाएं । सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या है । इसके लिए लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है । उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने शिविर का लाभ उठाया है वह अपने घर के आस पास की महिलाओं को भी शिविर के बारे में बताएं ताकि वह इसका लाभ उठा पाएं ।

पीएचसी प्रभारी डा. गीतांजलि सिंह ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर जिसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहते हैं |यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस(एचपीवी) के संक्रमण के कारण होता है । समय पर इसकी जांच होने की स्थिति में इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।

डा. गीतांजली ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 30  से  60 साल की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए समय-समय पर जांच करवानी चाहिए | इसके साथ ही नौ से 14  वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियों को इससे बचाव के लिए एचपीवी के दो टीके छह-छह माह के अंतराल पर जरूर लगवाना चाहिए। भारत सर्वाइकल कैंसर से मृत्यु के मामलों में विश्व में दूसरे नंबर पर है किंतु समय से जांच और टीकाकरण के माध्यम से इस बीमारी का बचाव पूर्णतया संभव है।

पीएचसी प्रभारी ने बताया कि हर शुक्रवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस के मौके पर सर्वाइकल  कैंसर की जांच पीएचसी पर की जाएगी । इसलिए ज्यादा से ज्यादा महिलायें स्वास्थ्य केंद्र पर आकर जांच कराएं |
इसके लक्षण हैं शारीरिक सम्बंध बनाने के दौरान रक्तस्राव, दो माहवारियों के बीच में अचानक रक्तस्राव होना या मासिक धर्म स्थाई रूप से बंद होने के बाद रक्त स्राव होना। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो शीघ्र ही चिकित्सक से इलाज कराएं । जांच कराने के लिए लक्षणों का इंतजार न करें ।

सर्वाइकल कैंसर के कारण हैं- 18 साल की आयु  से पूर्व शारीरिक सम्बंध बनाना, एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाना, यौन रोगों का व्यक्तिगत इतिहास, कम अंतराल में एक से अधिक गर्भ धारण, बिना चिकित्सीय सलाह के गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक सेवन, कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली और धूम्रपान या तंबाकू का सेवन ।

प्रोग्रेसिव फाउंडेशन की प्रोग्राम मैनेजर, प्रिंसी प्रजापति ने बताया कि एंजिया (NJIA) कार्यक्रम को यूनाइटेड किंगडम की संस्था पीपल फाउंडेशन के द्वारा डिजाइन किया गया है जो रोश फर्मास्यूटिकल द्वारा वित्त पोषित है और यह कार्यक्रम भारत के अलावा अफ्रीकी देश तंजानिया और यूगांडा में भी चलाया जा रहा है। पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल  (पीएस आई ) और जपाइगो जैसी अंतराष्ट्रीय संस्थाएं भी इस कार्यक्रम में भागीदार हैं । एंजिया (NJIA) कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय नेतृत्व विकास के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर से संबंधित सभी सुविधाओं को आम जनता के लिए मुहैया कराना है ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके और प्रारंभिक जांच कर इस बात का पता लगाया जा सके कि बच्चेदानी के मुंह (सर्विक्स) में एचपीवी का संक्रमण है या नहीं । अगर संक्रमण है तो समय से अर्थात कैंसर बनने से पूर्व ही इलाज किया जा सके और यदि जरूरत हो तो उन्हें उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर आगे की जांच और इलाज के लिए संदर्भित किया जा सके ।

स्वास्थ्य शिविर में कुल 56 महिलाओं की जांच हुई जिसमें से तीन महिलाओं में एचपीवी वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई जिन्हें अवंती बाई जिला महिला अस्पताल स्थित संपूर्णा क्लिनिक में आगे के इलाज के लिए संदर्भित किया गया।

इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी डा.विनिता श्रीवास्तव, पीएचसी का समस्त स्टाफ, पीएसआई इण्डिया से केवल सिंह सिसोदिया और प्रवीण उपस्थित रहे।