एनसीईआरटी की किताबों में अब शामिल होंगे भगवद गीता के श्लोक



नई दिल्ली (डेस्क) - केंद्र सरकार ने लोकसभा को सूचित किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) की 11वीं और 12वीं तक की संस्कृत की पाठ्य पुस्तकों में श्रीमद् भगवद गीता के श्लोकों और वेदों के ज्ञान को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा छठी और सातवीं कक्षा की एनसीईआरटी पुस्तकों में भगवद गीता के संदर्भों को शामिल किया जाना चाहिए। यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पैराग्राफ 4.27 में भारतीय पारंपरिक ज्ञान का उल्लेख है जो टिकाऊ है और आमजन के कल्याण का प्रयास करता है।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने एक लिखित जानकारी में कहा कि मंत्रालय ने 2020 में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) डिवीजन का गठन अंतःविषय और ट्रांस-डिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए किया था। एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) का विकास शुरू कर दिया है। इस शताब्दी में ज्ञान शक्ति बनने के लिए हमें अपनी विरासत को समझना होगा और दुनिया को चीजों को करने का 'भारतीय तरीका' सिखाना होगा।

संसदीय पैनल ने एनसीईआरटी को पूर्वोत्तर सहित देश के सभी क्षेत्रों से 'अनजान स्वतंत्रता सेनानियों' की उपलब्धियों और बलिदानों, प्रमुख भारतीय महिला हस्तियों को एनसीईआरटी की 'नियमित पुस्तकों' में शामिल करने की सलाह भी दी है ताकि इसे 'अनिवार्य पठन सामग्री' बनाया जा सके।

 

स्त्रोत : न्यू इंडिया समाचार