हर माह 15 तारीख को स्वास्थ्य इकाइयों पर मनाया जाएगा निक्षय दिवस,ओपीडी के दस फीसदी मरीजों की बलगम जांच अनिवार्य



  • प्रदेश में 5.5 लाख, जबकि जिले में 12800 टीबी मरीजों की अधिसूचना का है लक्ष्य
  • 15 तारीख को अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्यदिवस पर मनेगा निक्षय दिवस

 
गोरखपुर - देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से नित नए कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में अब निर्णय लिया गया है कि टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हर माह की 15 तारीख को प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों पर निक्षय दिवस मनाया जाएगा। किसी भी महीने में 15 तारीख को अवकाश की स्थिति में निक्षय दिवस अगले कार्य दिवस पर मनाया जाएगा। इस दिन कुल ओपीडी के 10 फीसदी मरीजों की बलगम जांच अनिवार्य तौर पर की जाएगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र जारी किया है। पत्र की पुष्टि जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश प्रसाद यादव ने की। उन्होंने कहा कि पत्र के माध्यम से मिशन निदेशक ने अवगत कराया है कि टीबी एक प्रमुख सामाजिक समस्या है । भारत विश्व के 20 फीसद रोगियों के साथ सबसे अधिक टीबी ग्रसित व्यक्तियों का देश है। प्रदेश में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 5.5 लाख अधिसूचना का लक्ष्य केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया है । इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों पर सामूहिक प्रयास की जरूरत है। सेंट्रल टीबी डिविजन के निर्देशों के अनुक्रम में क्षय रोगियों के पूर्ण स्वस्थ होने के लिए गुणवत्तापूर्ण सुविधा मुहैया कराने के सम्बन्ध में प्रदेश के समस्त जनपदों में हर माह की 15 तारीख को सभी जनपद एवं ब्लाक स्तरीय पीएचसी और आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस मनाया जाएगा।

डॉ यादव ने बताया कि जिले में 12800 टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन कि लक्ष्य है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे की देखरेख में निक्षय दिवस से पहले आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर टीबी के बारे में और दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगी। स्वास्थ्य इकाइयों पर एलईडी के जरिये टीबी के बारे में जागरूकता सम्बन्धी फिल्म भी प्रसारित की जाएगी। निक्षय दिवस की उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाने का कार्य करेंगी । कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच ( उपलब्धता के आधार पर) एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच सुनिश्चित की जायेगी । इसके अलावा बलगम का नमूना लिया जायेगा और उसे निक्षय पोर्टल पर प्रिजमिटिव आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा ।  सीएचओ और आशा द्वारा निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा । सीएचओ जाँच में टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी टीबी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करेंगे। आशा कार्यकर्ता निक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण आशा संगिनी को मुहैया कराएंगी और आशा संगिनी  सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को निक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को देंगी। इस दिवस पर प्राइवेट प्रैक्टिशनर को भी टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग और फालोअप के लिए प्रेरित किया जाएगा।
 
इन बिन्दुओं पर होगा खास ध्यान :

  • निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य इकाई पर आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची के अनुसार उनकी जांच करायी जाएगी, एचआईवी-डायबिटीज की भी जाँच होगी
  • स्वास्थ्य इकाइयों पर सम्भावित मरीजों के बैठने की खुली जगह हो और इकाई के बाहर खुले स्थान पर बलगम के नमूने लेने के लिए कफ कार्नर बनाये जाएँ
  • क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं मुफ्त उपलब्ध हों
  • स्वास्थ्य इकाई पर टीबी की जाँच, उपचार के बारे में परामर्श की व्यवस्था की जाए
  • जनपद स्तर पर सीएमओ की अध्यक्षता में हर माह की 16 तारीख को मासिक बैठक कर निक्षय दिवस के समस्त कार्यों की समीक्षा हो और समस्त प्रकरणों का निस्तारण किया जाए और अगले दिन उस बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराया जाए  

संभावित क्षय रोगियों की पहचान के लिए प्रमुख लक्षण :

  • दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना
  • दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना
  • वजन में कमी आना/ भूख न लगना
  • बलगम से खून आना