जागरूकता ही बचाती है कैंसर की गंभीरता से



  • लाइलाज नहीं है यह बीमारी, समय से लें उपचार तो बच सकती है जान

कानपुर नगर - कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं रही है। बस जरूरत लोगों को जागरूक होने की। यदि समय से कैंसर का उपचार कराया जाए तो कैंसर पीड़ितों की जान बचाई जा सकती है। धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या अधिक होने के कारण मुख कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुंह के कैंसर के मामले अन्य कैंसर की तुलना में सर्वाधिक हैं और इससे आसानी से बचा भी जा सकता है। इसके लिए सिर्फ तंबाकू, गुटखा और सिगरेट आदि धूम्रपान से बचना होगा। यह कहना है गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. महेश कुमार का। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है लेकिन अगर समय से इसका इलाज शुरू हो जाए तो इससे बचा जा सकता है।

डॉ. महेश ने बताया कि इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल एक नई थीम के साथ 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन जिले में विविध गतिविधियां होती हैं। लोगों को कैंसर के गंभीर खतरे के बारे में शिक्षित किया जाता है। इस दिन के मनाने की घोषणा 7 नवंबर 2014 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने की थी।

जिला महिला अस्पताल की  सीएमएस डॉ सीमा श्रीवास्तव बताती हैं कि  महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर मुख्य होता है। इसके मुख्य कारण ज्यादा बच्चे होना और अनहाइजिन है। इसके लिए भी वैक्सीन आ गई है। सरकार से मिलने पर इस वैक्सीन को सात साल से ऊपर की लड़कियों को इसे लगाया जाता है। ताकि वह इस प्रकार के कैंसर से सुरक्षित रह सके। ब्रेस्ट कैंसर उन माताओं में ज्यादा होता है, जो बच्चों को स्तनपान नहीं कराती हैं।

कैंसर के लक्षण :

  • शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।
  • एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।
  • कोई ख़राश जो ठीक नहीं हो पाती।
  • स्वर बैठना या खाँसी ना हटना।
  • आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन।
  • खाने के बाद असुविधा महसूस करना।
  • निगलने के समय कठिनाई होना।
  • वजन में बिना किसी कारण के वृद्धि या कमी।
  • असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज।
  • थकावट महसूस करना।

कैंसर की रोकथाम  

  • तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें।
  • कम वसा वाला भोजन करें तथा सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें।
  • नियमित व्यायाम करें।