विज्ञान की आत्मा है जिज्ञासा : डॉ. त्रिवेदी



  • विद्यार्थियों में जितनी अधिक जिज्ञासा होगी उतना ही शोध के लिए प्रेरित होंगे
  • एनबीआरआई सभागार में “जिज्ञासा” कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ - वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद(सीएसआईआर),राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान(एनबीआरआई) एवं नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (नासी), लखनऊ चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में  बुधवार को विद्यार्थियों के लिए “जिज्ञासा” कार्यक्रम एनबीआरआई सभागार में आयोजित किया गया | कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स (सीमैप) के निदेशक डा. प्रबोध त्रिवेदी ने कहा कि जिज्ञासा विज्ञान की आत्मा है | विद्यार्थियों में जितनी अधिक जिज्ञासा होगी,  वह उन्हें उतना ही शोध के लिए प्रेरित करेगी | इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को एनबीआरआई और सीमैप द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में भी बताया |

इस अवसर पर नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी (नेहु)-शिलांग के पूर्व कुलपति तथा बायोटेक पार्क के पूर्व सीईओ पद्मश्री डा. प्रमोद टंडन ने विद्यार्थियों को नासी की भूमिका के बारे में अवगत कराया | एनबीआरआई एवं आईआईटीआर के निदेशक डा. एस.के.बारिक् ने कहा कि यदि हम विज्ञान को अपने जीवन में अपनाते हैं तो विज्ञान में उच्च शिक्षा और शोध के बाद सर्वोत्तम शिखर पर पहुँचा जा सकता है | विज्ञान के प्रति अभिरुचि विकसित कर स्वयं, परिवार,समाज  एवं देश का विकास किया जा सकता है | जिज्ञासा कार्यक्रम वैज्ञानिक अभिरुचि की रीढ़ की हड्डी है | युवा मस्तिष्क में वैज्ञानिक अभिरुचि की अलख जगाने का सार्थक प्रयास इस कार्यक्रम के माध्यम से  नासी एवं एनबीआरआई द्वारा किया गया |   

डा. बारिक् ने बताया कि “जिज्ञासा” कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए 12 विद्यालयों से प्रतिनिधि शिक्षकों के साथ 10-10  छात्रों का चयन किया गया है | इस तरह कुल 120 छात्र चयनित किये गए हैं | कार्यक्रम के अंत में डा. मनीष भोयर ने धन्यवाद ज्ञापित किया |

प्रतिभागी छात्रों ने एनबीआरआई की प्रयोगशालाएं, उपकरणों एवं बोटेनिकल गार्डन को  वैज्ञानिकों के साथ देखा | इस मौके पर एनबीआरआई के वैज्ञानिक डा.आर.डी.त्रिपाठी, डा. विवेक  श्रीवास्तव, डा. रमेश शर्मा, डा.पी.ए.शिरके, डा. शरद श्रीवास्तव, डा.बी.एम.सिंह, डा.अलख लहरी, डा. पुनीत एस चौहान, डा. पीसी वर्मा, डा. पंकज श्रीवास्तव, डा. देवाशीष चक्रवर्ती, डा. मनीष सावंत, डा. अंजू पटेल, डा. के प्रभु कुमार, डा. मनीष तिवारी सहित अन्य वैज्ञानिक व नासी  से डा. मानवेंद्र त्रिपाठी उपस्थित रहे |