विशेष अभियान चलाकर छूटे बच्चों का किया जायेगा टीकाकरण



  • सात सितम्बर से 15 अक्टूबर तक चलेगा विशेष अभियान
  • नगरीय पीएचसी के चिकित्सकों का किया गया अभिमुखीकरण

लखनऊ - लखनऊ सहित 28 उच्चतम वरीयता वाले जनपदों में सात सितम्बर से 15 अक्टूबर तक विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा |  इसके तहत टीकाकरण से छूटे सभी बच्चों को उनकी ड्यू खुराकों से आच्छादित किया जाएगा | इसी क्रम में शनिवार को सभी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित किया गया |

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहा कि बच्चों में होने वाले विभिन्न संक्रमण एवं 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव तथा बाल मृत्यु दर को नियंत्रित करने के  लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी  है | निर्धारित दिवसों पर टीकाकरण सत्र आयोजित कर सार्वभौमिक टीकाकरण सारणी के अनुसार बच्चों को ड्यू लिस्ट के अनुसार टीके से आच्छादित किया जाता है | उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर कई जनपदों से डिप्थीरिया/ खसरा-रूबेला  एवं अन्य टीकारोधी बीमारियों के आउटब्रेक की सूचना मिल रही है | इसी के मद्देनजर यह अभियान चलाया जाएगा |

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.एम.के.सिंह ने बताया कि नियमित टीकाकरण सत्र प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित किए जाएंगे | इस दौरान कोविड टीकाकरण के कारण किसी भी नियमित टीकाकरण की गतिविधि को प्रभावित नहीं किया जाएगा | टीकाकरण से छूटे बच्चों के चिन्हीकरण का काम आशा कार्यकर्ता/शहरी मोबिलाइजर द्वारा किया जाएगा | इस अभियान में 16 साल तक की आयु के बच्चों की ड्यू लिस्ट तैयार की जाएगी ताकि किसी भी टीके से छूटे बच्चे को ड्यू टीके से आच्छादित किया जाए | 10 से 16 साल तक की आयु के बच्चों और गर्भवती को टिटनेस एवं वयस्क डिप्थीरिया (टीडी)  का टीका लगाया जाता है | अभियान को सफल बनाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय तथा स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों जैसे धर्मगुरु, ग्राम प्रधान तथा स्थानीय डाक्टर का सहयोग लिया जाएगा |  

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि इस अभियान को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं | दो सितंबर को जनपद के सभी 27 जोन के स्वास्थ्य अधिकारियों, सुपरवाइजर और एएनएम का ऑनलाइन अभिमुखीकरण जिला स्तरीय प्रशिक्षकों द्वारा किया जा चुका है | जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि 12 जानलेवा बीमारियों काली खांसी, गलघोंटू, खसरा, टिटेनस, टीबी, पोलियो, मेनिनजाइटिस, वायरल डायरिया, निमोनिया, रूबेला, हेपेटाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए बच्चों को टीके से आच्छादित किया जाता है |

इस मौके पर  राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डा. मिलिंद वर्धन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, सभी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सक, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डा. सुरभि त्रिपाठी तथा यूनिसेफ़  से डा.सुजीत सिंह उपस्थित रहे |