हेल्थ टॉक : टांगों में अकड़न होने पर इन एसेंशियल ऑयल्स का करें इस्तेमाल, जल्द मिलेगा आराम



टांगों में अकड़न  होना एक कष्टदायक समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इसके कारण चलने-फिरने में काफी दिक्कत होने लगती है। अगर आपको कभी भी किसी कारणवश ऐसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और उनकी बताई दवाओं के सेवन के साथ कुछ एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में बताते हैं, जिनके इस्तेमाल से टांगों की अकडऩ जल्द दूर होगी।

जिंजर एसेंशियल ऑयल : टांगों की अकडऩ से राहत पाने के लिए जिंजर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है। समस्या से राहत पाने के लिए सबसे पहले एक मुलायम तौलिए को गर्म पानी (ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो) में भिगोएं, फिर इसे निचोड़कर इस पर दो-तीन बूंद जिंजर ऑयल की डालें। इसके बाद तौलिए को दर्द से प्रभावित टांग पर लपेटें और जब तौलिया ठंडा हो जाए तो फिर से इसे पानी से भिगोकर पैर पर लगाएं।

पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल : पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने के तेल का इस्तेमाल करने से भी टांगों की अकडऩ दूर हो सकती है। पुदीने के तेल में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो टांगों को अकडऩ से आराम दिला सकते हैं। राहत के लिए पुदीने के तेल की कुछ बूंदें दर्द से प्रभावित टांग पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। इसके अलावा, आप चाहें तो पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर नहा भी सकते हैं। इससे भी आपको आराम मिलेगा।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल : अगर मांसपेशियों में खिंचाव के कारण किसी टांग में अकडऩ हो तो इससे राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लैवेंडर के तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रभावित टांग की मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें अकडऩ से प्रभावित टांग पर लगाएं, फिर हल्के हाथों से मसाज करें। बेहतर परिणाम के लिए दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

रोजमेरी एसेंशियल ऑयल : अगर कभी भी टांग में अकडऩ हो तो इससे राहत पाने के लिए आप रोजमेरी ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजमेरी ऑयल से अकडऩ वाली टांग की मालिश करने से प्रभावित हिस्से का रक्त प्रवाह बेहतर होता है और अकडऩ से राहत मिल सकती है। दरअसल, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड समेत कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिनका टांग के हिस्से वाली मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।