पड़ोसी देश पोलियो की जद में, बचाव के लिए बच्चों को पिलाएं दवा-सीएमओ



  • जिले में 10 दिसम्बर को बूथ पर पिलाई जाएगी पल्स पोलियो की दवा, 11 दिसम्बर से घर घर जाएंगी टीम

गोरखपुर - मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस साल भी पोलियो के मामले सामने आए हैं । ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए अभिभावकों को आगे आकर अपने बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलवानी होगी । इसके लिए प्रस्तावित अभियान के पहले दिन 10 दिसम्बर को जिले में बूथ पर दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 दिसम्बर से पंद्रह दिसम्बर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर दवा पिलाएंगी । छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाने के लिए 17 दिसम्बर को बी टीम चलेगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वर्ष 1994 तक वैश्विक पल्स पोलियो के 60 फीसदी मामले भारत में थे। इसे देखते हुए 02 अक्टूबर 1994 को पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था। समुदाय की सहभागिता और जनजागरूकता से यह अभियान सफल रहा और भारत में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिमी बंगाल के हावड़ा में पाया गया । देश को 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोलियो मुक्त का प्रमाणन भी दे दिया है । पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत दुनिया के कुछ और देशों में पोलियो का वायरस सक्रिय तौर पर मौजूद है। यही वजह है कि अभी भी शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को इस वायरस से प्रतिरक्षित करने के लिए पल्स पोलियो की दवा पिलवाना अनिवार्य है। इस साल पाकिस्तान में पल्स पोलियो के छह मामले सामने आए हैं जो भारत के लिए भी चिंताजनक हैं ।

डॉ दूबे ने बताया कि प्रदेश के 50 जिलों में यह अभियान चल रहा है जिसमें गोरखपुर भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान भी पिलाई जाती है । जिन बच्चों ने नियमित टीकाकरण के दौरान इसका सेवन किया है, उन्हें भी दवा पिलायी जानी है। अभियान के दौरान ईंट भट्ठा श्रमिकों, मलिन बस्तियों और घूमंतू प्रजाति के लोगों को दवा पिलाने पर विशेष जोर रहेगा। अभियान के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा कोल्ड चेन में रखी जाती है जो पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है । नजदीकी बूथ के बारे में जानकारी के लिए लोगों को आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क करना चाहिए । इस बार के अभियान में भी अभियान में सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, जेएसआई, डब्ल्यूजेसीएफ और सीफार का सहयोग मिल रहा है।

सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा के दिशा निर्देशन में मई 2023 में चले अभियान के दौरान 6.47 लाख बच्चों को दवा पिलाई गई थी। टीम ने करीब 8.80 लाख घरों का दौरा कर दवा का सेवन कराया था। इस बार भी स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को अभियान की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।