नुक्कड़ नाटक कर समझाया क्यों खाएं फाइलेरिया की दवा



  • नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस पर फाइलेरिया के प्रति जागरूकता की जगाई अलख
  • ब्लॉक घाटमपुर के ग्राम पारस और भद्रस में हुए लोग जागरूक

कानपुर नगर - सुनो रे भैया, सुनो रे बहना, सुनो रे दादा, सुनो रे अम्मा... बात पते की आज तुम्हें बताने आया हूं...हो जाओ सावधान तुम्हें जगाने आया हूं..हाइड्रोसील और हाथी पांव फाइलेरिया की निशानी है…कर देता है जीवन मुश्किल यही इसकी कहानी है... कुछ ऐसे संदेश के साथ रविवार को नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस यानि 30 जनवरी के अवसर पर कानपुर जनपद के ब्लॉक घाटमपुर में कई इलाको  पर नुक्कड़ नाटक आयोजित हुए।

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से जनपद के ब्लॉक घाटमपुर के ग्राम पारस और भद्रस में नुक्कड़ नाटक का आयोजन हुआ। सभी कलाकार आकार फाउंडेशन  के थे। इस दौरान कलाकारों ने अपने नाटक के जरिए बीमारी की गंभीरता समझाई। साथ ही एमडीए राउंड के दौरान मुफ़्त मिलने वाली दवा खाने की अपील की और समुदाय को फाइलेरिया के लक्षण बताने के साथ ही उससे बचाव के तरीकों और दवा सेवन का संदेश अपने अनोखे अंदाज में दिया।

प्रस्तुति के दौरान  ग्राम पारस में बरमबाबा व माँ संतोषी सपोर्ट ग्रुप एवं ग्राम भद्रस में संकट मोचन ग्रुप के फाइलेरिया ग्रसित मरीज भी मौजूद रहे। जिन्होंने दवा सेवन का लाभ लोगों को बताया। इस कार्यक्रम में ग्राम भद्रस के जय नारायण यादव द्वारा मलेरिया, डेंगू, दिमागी बुखार एवं कालाजार के कारण, लक्षण ,बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। लोगों से अपील की गई कि मच्छरदानी का प्रयोग करें, कहीं जलजमाव ना होने दें, साफ-सफाई रखें।

कलाकारों में शाश्वत शुक्ला, सपना शर्मा, ललिता, अभय, मोहित शामिल थे। इन सभी कलाकारों ने संबन्धित नाटक का काफी आकर्षक मंचन किया। कलाकारों ने अपने संदेश में यह भी बताया कि सामान्य लोगों को इन दवाओं के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। दवा के सेवन के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण नजर आयें तो किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं जो कि दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। साल में केवल एक बार फाइलेरिया रोधी दवाएं खाने से फाइलेरिया की बीमारी से बचा जा सकता है। कलाकारों की प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा और भरोसा दिलाया कि अभियान के तहत घर-घर पहुंचकर मुफ़्त खिलाई जाने वाली दवाओं का सेवन वह खुद करेंगे और परिवार व आस-पास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

सीफार के एलएफ टीम के जिला समन्वयक प्रसून एवं ब्लॉक समन्वयकों द्वारा भी लोगों को जागरूक किया गया। कलाकारों ने यह भी बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर यह दवा हर किसी को खानी है। आशा नीता देवी , ब्लॉक घाटमपुर ने बताया नाटक द्वारा जो प्रस्तुति की गई वह काफी रोचक थी लोगो को स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और बीमारियों के बारे में समझाने के लिए नुक्कड़ नाटक एक बेहतरीन माध्यम है | नुक्कड़ नाटक बहुत ही साधारण और आसान तरीका है जिससे लोगो को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाया जा सकता है |