यूपी में कोविड की तीसरी लहर पर नियंत्रण : आदित्यनाथ



  • मुख्यमंत्री बोले- कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए लोगों को करें जागरूक

लखनऊ - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड की रोकथाम की हमारी ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति आशातीत सफलता देने वाली रही है। प्रदेश में तीसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। एक ओर जहां नए केस मिलने की संख्या दिनोंदिन कम हो रही है, वहीं स्वस्थ होने वालों की संख्या उत्साहवर्धक है।

प्रदेश में वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 72 हजार 393 हैं। इनमें से 98 प्रतिशत से अधिक लोग मामूली लक्षणों के साथ घर पर ही स्वास्थ्यलाभ ले रहे हैं। एक्टिव केस और पॉजिटिविटी दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह अच्छे संकेत हैं। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए जागरूक किया जाए। सतर्कता-सावधानी बहुत जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कोविड प्रबंधन टीम के साथ बैठक में कहा कि समस्त प्रदेशवासियों को कोविड टीकाकवर उपलब्ध कराने का हमारा महत्वपूर्ण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। 25 करोड़ 34 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही अब तक 98.58 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क आबादी को टीके की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 66.87 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 31 जनवरी तक 100 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली डोज और 75 प्रतिशत पात्र नागरिकों को दूसरी डोज लगाने का हमारा लक्ष्य है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदान से पहले हर प्रदेशवासी को टीके का सुरक्षा कवर जरूर मिल जाए।

विगत 24 घंटों में 01 लाख 93 हजार 419 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 8901 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 16,786 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण सामान्य फ्लू की तरह है। अतः इससे डरने की नहीं, सतर्क-सावधान रहने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि निगरानी समितियां, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम घर पर जाए तो कोरोना मरीजों के परिवार के सभी सदस्यों का हालचाल लें। कोई भी निःशुल्क मेडिकल किट से वंचित न रहे। दिव्यांग, निराश्रित और वृद्धजनों को घर बैठे चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जाए। टीकाकरण से वंचित लोगों को चिन्हित कर तत्काल उन्हें टीकाकवर दिया जाए। सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से अस्पताल में उपचाराधीन कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए। होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाए।