सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित हुआ मलेरिया जागरूकता कार्यक्रम



लखनऊ - विश्व मलेरिया दिवस पर मंगलवार को कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ।

इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सोमनाथ ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि मलेरिया से बचाव के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है | इस दिवस की थीम - ‘टाइम टू डिलीवर जीरो मलेरिया: इन्वेस्ट, इनोवेट एंड इम्प्लीमेंट’ है। उन्होंने बताया कि मलेरिया एनाफिलीज मच्छर और डेंगू  एडीज़ मच्छर के काटने से होता है । दोनों ही मच्छर ठहरे और साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए अपने घर और आस-पास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें । घर में कूलर, फ्रिज के पीछे की डिफ्रॉस्टिंग ट्रे, ड्रॉइंग रूम में रखे मनी प्लांट, गमलों की प्लेटें आदि का पानी समय-समय पर बदलते रहें। हर रविवार कूलर को साफ करें और अच्छे से पोंछकर, रेगमाल से खुरचें व सुखाएं इससे मच्छरों का लार्वा खत्म हो जाएगा ।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि मलेरिया सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए साल में तीन बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और हर इतवार को “हर रविवार-मच्छर पर वार” अभियान चलाकर फॉगिंग, मच्छर रोधी रसायन का छिड़काव, मच्छरों से बचाव के लिए क्या करें क्या न करें पर जागरूक करने के साथ ही मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने सहित अन्य गतिविधियां भी की जाती हैं । जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मच्छरों से बचाव के लिए जरूरी है कि पूरी बांह के कपड़े पहने । सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्रीम या क्वायल का उपयोग करें | घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं । कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें | घर में टूटे हुए टायर, बर्तन आदि को हटा दें ताकि उसमें पानी न इकट्ठा होने पाए।

जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि मलेरिया के लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है ताकि समय से उपचार हो सके । मलेरिया में सर्दी और कंपन के साथ एक-दो दिन छोड़कर तेज बुखार आता है । इसके साथ ही उल्टियाँ और शरीर में तेज दर्द रहता है | बुखार आते समय पसीना आता है और बुखार उतरने के बाद थकावट और कमजोरी आती है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया की जांच और इलाज होता है । बुखार होने पर स्वयं से कोई इलाज न करें । पास के स्वास्थ्य केंन्द्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं । घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरे में रोगी को रखें जिसमें खिड़की तथा दरवाजे पर जाली लगी हों ।

स्कूल इंचार्ज नीलम पांडे ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों से कहा कि आप एक चेन मेकर की भूमिका निभाते हुए यहां बताए गए सभी संदेशों को अपने परिवार में और अपने आसपास लोगों में फैलाएं ताकि  सभी लोग जागरूक हो सकें और मलेरिया व मच्छर जनित अन्य बीमारियों से सुरक्षित रह सके।

स्कूल की वीसी शिल्पा बाजपेई ने स्वस्थ्य विभाग का धन्यवाद किया । इस अवसर पर जिला मलेरिया इकाई के सदस्य, स्वयं सेवी संस्था पाथ सीएचआरआई से आईवीएम कॉर्डिनेटर आशीष कुमार, विद्यालय के अध्यापक और लगभग 2200 विद्यार्थी मौजूद रहे।

इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो दिनों में 30 विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम और  ग्रामीण क्षेत्रों में  ग्राम प्रधानों के साथ 15 जगरुकता बैठकें की गई हैं ।

इसी के साथ ही जनपद के विभिन्न विद्यालयों व सभी शहरी व ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए ।

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) द्वारा  मोहनलालगंज ब्लॉक के मऊ गाँव के प्राथमिक विद्यालय  एवं बक्शी का तालाब ब्लॉक के नगुवामऊ कला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मलेरिया  जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ ।