खुशहाल परिवार दिवस पर दी गई परिवार नियोजन की जानकारी



  • बास्केट ऑफ चॉइस से करे परिवार नियोजन साधनों का चुनाव
  • प्रसव उपरांत परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर ज़ोर

कानपुर नगर - परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता बढ़ाने पर सरकार का जोर है। इसे साकार करने के लिए शुक्रवार को जिला महिला अस्पताल व अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया। खुशहाल परिवार दिवस पर जिला महिला अस्पताल सहित शहरी क्षेत्र की महिलाओं ने परिवार नियोजन के साधन अपनाएं। इसी के साथ ही आशाओं ने बास्केट ऑफ चॉइस बनाकर लाभार्थी को परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारें में विस्तृत जानकारी दी, जिससे कि वह पसंद का साधन चुन सके।
 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि परिवार को सीमित रख कर ही उसे खुशहाल बनाया जा सकता है। इसी उद्देश्य के तहत खुशहाल परिवार दिवस का अयोजन समस्त स्वास्थ्य इकाईयों में  कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते किया गया। परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन जिला महिला अस्पताल सहित जनपद के सभी सामुदायिक और प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया। आयोजन में अंतरा, छाया, कंडोम, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, गर्भ निरोधक गोलियो की जानकारी दी गई। इच्छुक लोगों को यह सेवा उपलब्ध दी गई। स्थाई साधन अपने के लिए इच्छुक लोगों की सूची बनाई गई। यह दिवस हर माह की 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित होता है। 21 को राजकीय अवकाश की स्थिति में अगले दिन पर इसका आयोजन होता है। इस दिवस का लक्ष्य है कि लक्षित समूह को परिवार नियोजन के साधन के जागरूक किया जाए और उनकी इच्छानुसार उपलब्ध कराया जाए।

नोडल अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक केंद्र पर परिवार नियोजन के साधनों की बास्केट ऑफ चॉइस होती है, जिसके माध्यम से लाभार्थी को समझाया जाता है और उसकी इच्छा के अनुसार उसे साधन उपलब्ध कराये जाते हैं। वही गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता लक्षित समूह के उन दम्पति को चिन्हित करती
है जो परिवार नियोजन के किसी साधन को नहीं अपना रहे हैं। उनकी काउंसिलिंग से लेकर बास्केट ऑफ़ च्वाइस में मौजूद साधनों की जानकारी के साथ इन साधनों को अपनाने के लिए किसी भी भ्रान्ति को दूर करती है। सेवाओं के साथ प्रोत्साहन राशि की जानकारी देते हुए साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

परिवार कल्याण विशेषज्ञ ने बताया कि आशा और एएनएम के सहयोग से लोगों को परिवार नियोजन अपनाने के बारे में प्रेरित किया जा रहा है। इन दिवसों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है । उन्होंने बताया की जिला महिला अस्पताल में बास्केट ऑफ चॉइस दिखाकर लाभार्थी को संबन्धित विधि के बारें में बताना आसान रहा, और लाभार्थियों ने भी इसे रुचि से सुना। उन्होंने बताया की समस्त स्वास्थ्य इकाईयों में कुल 32 महिलाओं ने अंतरा, 147 ने आईयूसीडी, 49 ने पीपीआईयूसीडी, 81 महिलाओं ने छाया गोली और चार महिलाओं ने नसबंदी को अपनाया।

पहली बार अंतरा इंजेक्शन लगवाने आई वैशाली को एक साल का एक बच्चा है, अभी दूसरा बच्चा न चाहने के लिए उन्होने अंतरा इंजेक्शन लगवाया।