बीमारी से लड़ीं, सशक्त बनीं और अब दूसरों को बचाने में जुटीं



  • फाइलेरिया महिला रोगी नेटवर्क सदस्यों ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

कानपुर - फाइलेरिया महिला रोगी नेटवर्क की सदस्यों ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि किस तरह इस गंभीर लाइलाज बीमारी से लड़ीं और सशक्त बनकर अब दूसरों को बचाने में जुटी हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़कर एक वर्ष में फाइलेरिया ग्रसित अंगों की समुचित देखभाल व व्यायाम से जीवन में आये बदलाव की कहानी भी सुनाई। फाइलेरिया से जुड़ीं भ्रांतियों को दूर करते हुए साफ़ कहा कि किसी भी तरह के शारीरिक परिवर्तन पर सिर्फ डाक्टर से सलाह लें न कि किसी झाडफूंक या टोना-टोटका के चक्कर में पड़ें ।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण इकाई के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सीएमओ कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में करीब 95 सदस्यों ने भाग लिया। उन्होंने अपना दर्द और अनुभव साझा करते हुए फाइलेरिया के चलते जीवन में आने वाली मानसिक और सामाजिक चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा- एक महिला होने के नाते उनसे एक आदर्श मां, पत्नी, परिवार का देखभाल करने वाली गृहणी के रूप में ढेर सारी अपेक्षाएं होती हैं। बीमारी के चलते इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने में आने वाली दिक्कतों को भी साझा किया। इस मौके पर फाइलेरिया महिला रोगी नेटवर्क की 15 सदस्यों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
    
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि महिलाएं पुरुषों के बराबर ही नहीं बल्कि उनसे आगे हैं, वह चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक दिन ही नहीं बल्कि हर दिन है। फाइलेरिया रोगी देखभाल व बचाव में महिला सहायता समूह का कार्य सराहनीय है। जिला मलेरिया अधिकारी ए.के. सिंह ने कहा कि यह सर्वविदित है कि हमारे जीवन में महिलाओं की अहम भूमिका है। चाहे वह मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमे हर रूप में महिला का साथ मिलता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यह अवसर देता है कि हम उनकी सराहनीय भूमिका के लिए सम्मानित करें। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में भी महिलाएं अहम भूमिका निभा रहीं हैं। इनके सहयोग से एमडीए/ आईडीए कार्यक्रम की सफलता की कामना करते हैं।

जनपदीय महिला कल्याण अधिकारी मोनिका यादव ने कहा कि महिला कल्याण विभाग की सभी योजनाएं महिला कल्याण के लिए ही हैं। निराश्रित महिला पेंशन योजना, बाल विकास योजना, वन स्टॉप सेंटर  सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की और बताया ब्लॉक में भी महिला कल्याण विभाग के केंद्र हैं जहाँ जाकर इन योजनाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। मनोवैज्ञानिक दिव्या गुप्ता ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि महिलाएँ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनें। बेहतर शिक्षा की शुरुआत बचपन से घर से ही होती है, महिलाओं के उत्थान के लिए स्वस्थ परिवार की जरूरत है । उन्होंने कहा- फाइलेरिया लाइलाज भले है लेकिन इससे निराशा न हों। समस्या और तनाव को हावी न होने दें। एक-दूसरे को सुनें और समझें, क्योंकि दुःख दर्द बांटने से बीमारी कम होती है। घर के काम निपटाने के बाद समूह में चर्चा करें व एक-दूसरे का दुःख-दर्द बाँटें।

तम्बाकू नियन्त्रण कार्यक्रम की जनपदीय सलाहकार निधि बाजपेयी ने कहा कि कभी यह न सोचें कि हम यह नहीं कर सकते हैं। महिलाएं सब कुछ कर सकती हैं। बीमारी कोई भी हो पर हम निराश न हों बल्कि मनोबल को बनाये रखें तभी बीमारी से जीतने में सहायता मिलेगी।

कल्याणपुर ब्लॉक के भिसार रोगी सहायता समूह की सदस्य पूजा सिंह ने कहा- शुरू में जब पता चला कि फाइलेरिया है तो खूब रोई और दुखी हुई। हताशा और निराशा ने घेर रखा था लेकिन जब से समूह से जुड़ीं हूँ तब से अन्य महिलाओं और सदस्यों से बात करके आत्मविश्वास जगा है। अब मनोबल नहीं गिरने देती और दूसरों को भी बचाव के लिए प्रेरित करती हूँ। घाटमपुर ब्लॉक के संकट मोचन सहायता समूह की सदस्य राम दुलारी ने कहा- आज जिस तरह हम फाइलेरिया मरीजों को सम्मानित किया गया वह गर्व की बात है। सम्मान से यह सीख मिली है कि अब यह बीमारी और किसी को न हो,  इसके लिए जागरूक करुँगी।

कार्यक्रम के आयोजन से राधा मोहन समूह की सदस्य कृष्णा देवी ने कहा कि पहले लगता था कि हमारा अपना कोई अस्तित्व नहीं है पर जिस तरह का सम्मान अधिकारियों ने दिया उससे मनोबल बढ़ा है। आज यह महसूस हुआ कि समस्या से भागना नहीं बल्कि सामना करना है। कल्याणपुर के सागर माता समूह की सदस्य बबली वर्मा ने कहा- आज सीख मिली कि सकारात्मक सोच हमेशा अच्छी होती है। जब हम खुद सकारात्मक होंगे तभी दूसरों को इसके लिए प्रेरित कर पायेंगे। बबली ने कहा- फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर अपने गाँवों तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि पार्टी या शादी समारोहों में जायेंगे तो वहां भी लोगों को इससे बचाव की दवा सेवन करने के बारे में जागरूक करेंगे।  
 
 इस मौके पर यूनिसेफ के डीएमसी फ़ुजैल सिद्दीकी, काउंसलर जूही चौधरी सहित सेण्टर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सदस्यों सहित ब्लॉक सरसौल, घाटमपुर, कल्याणपुर की महिला नेटवर्क की सदस्य मौजूद रहीं।