स्टार्टअप इंडिया की नई उड़ान: एक तिमाही में पहली बार 10 अरब डॉलर जुटाने के साथ 33 कंपनियां बनीं यूनिकॉर्न



लखनऊ (डेस्क) - डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया- मेक फॉर द वर्ल्ड, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल...यह कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनके रास्ते बीते 7 सालों में भारत की तरक्की के नए सोपान तय किए हैं। ऐसा ही एक और अभियान है - स्टार्टअप इंडिया। युवा आकांक्षाओं के स्वरोजगार की नई उड़ान देने के लिए जनवरी 2016 में शुरू किया गया स्टार्टअप इंडिया अभियान सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। प्राइस वाटर हाउस कूपर्स इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2021 की तीसरी में घरेलू स्टार्टअप कंपनियों ने 347 घरेलू सौदों के जरिए 10.9 अरब डॉलर का रिकॉर्ड कोष जुटाया है। यह किसी भी तिमाही जुटाया गया सबसे बड़ा कोष है। यही नहीं, इस साल अब तक भारत के 33 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुके हैं।

यूनिकॉर्न क्लब में शामिल स्टार्टअप का वैल्यूएशन एक अरब डॉलर होता है। 10 अरब डॉलर के वैल्यूएशन से अधिक के स्टार्टअप को डेकाकॉर्न कहते हैं। जबकि 100 अरब डॉलर के वैल्यूएशन तक पहुंचने वाले स्टार्टअप को हेक्टोकॉर्न कहा जाता है। आज देश में कुल 66 स्टार्टअप कंपनियां काम कर रही हैं, जिन्हें यूनिकॉर्न का दर्जा मिला है। इनके जरिए करीब 3.3 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

साल

यूनिकॉर्न की संख्या

2011-14 1
2015 4
2018 8
2019 9
2020 10
2021 33*