नुक्कड़ नाटक कर बताया क्यों जरूरी है दवा खाना



  • 22 नवंबर से 7 दिसंबर तक चलेगा फाइलेरिया का एमडीए राउंड
  • बीकेटी के गांवों में हुए नुक्कड़ नाटक, लखनऊ शहर में आज होगा

लखनऊ - सुनो रे भैया, सुनो रे बहना, सुनो रे दादा, सुनो रे अम्मा... बात पते की आज तुम्हें बताने आया हूं...हो जाओ सावधान तुम्हें जगाने आया हूं..हाइड्रोसील और हाथी पांव फाइलेरिया की निशानी है…कर देता है जीवन मुश्किल यही इसकी कहानी है... कुछ ऐसे संदेश के साथ गुरुवार को बक्शी का तालाब में नुक्कड़ नाटक आयोजित हुए।

फाइलेरिया बीमारी को नियंत्रित करने के लिए 22 नवंबर से 7 दिसंबर तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड शुरू होने जा रहा है। इस अभियान के पहले नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रम का उद्देश्य है कि लोग फाइलेरिया की दवा खाएं और बीमारी से दूर रहें। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से होने वाला यह नुक्कड़ नाटक जनपद के कई इलाकों में आयोजित होगा। संस्था के अनुसार 18 नवंबर से शुरू हुए नुक्कड़ नाटक के आयोजन 23 तक होने हैं। इसके लिए बख्शी का तालाब, सहादतगंज, सेवासदन, सिल्वर जुबली, रेलवे स्टेशन और कैसरबाग बस अड्डा समेत बादशाहनगर, चौक, कैसरबाग और घंटाघर की मलिन बस्ती में चिन्हित हैं। गुरुवार को बख्शी का तालाब के दो अलग-अलग इलाकों कठवारा और हरदौर में आकार फाउंडेशन के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। इस दौरान कलाकारों ने अपने डाईलॉग्स के जरिए बीमारी की गंभीरता समझाई। साथ ही एमडीए राउंड के दौरान मुफ़्त मिलने दवा खाने की अपील की।