मिशन शक्ति का मिला संग, महिलाओं ने जीती शोषण के खिलाफ जंग



  • महिला शक्ति केन्द्रों ने तीन साल में 15 लाख महिलाओं को योजनाओं से जोड़ा
  • अन्याय के खिलाफ मुखर हुईं महिलाएं, डटकर सामना करने की मिली ताकत
  • न्याय के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर” व 181 महिला हेल्पलाइन का ले रहीं सहारा

लखनऊ - महिलाओं को अबला समझने की भूल अब किसी को भी भारी पड़ सकती है क्योंकि अब उनके पास है ‘मिशन शक्ति’ का ब्रम्हास्त्र । किसी भी उत्पीड़न का अब वह खुलकर विरोध करती हैं क्योंकि उन्हें पता है कि न्याय के लिए उन्हें कब और कहाँ आवाज उठानी है । “मिशन शक्ति” ने न केवल महिलाओं को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक बनाया है बल्कि उचित प्लेटफार्म भी प्रदान किया है । यही कारण है कि अब आधी आबादी घरेलू हिंसा व अन्य उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराने के लिए थाना-चौकी के साथ ही ‘वन स्टॉप सेंटर’ व 181 महिला हेल्पलाइन का भी सहारा ले रही हैं । इसके साथ ही वर्ष 2019 से अब तक महिला शक्ति केन्द्रों ने 1540283 महिलाओं को विभिन्न योजनाओं से भी जोड़ा है।

सिखाया सबक : बदायूं के वजीरगंज की 38 वर्षीया  रश्मि (परिवर्तित नाम)  एक रिश्तेदार को फोन लगा रही थीं, लेकिन गलत नम्बर डायल हो गया । यह नम्बर किसी अनजान युवक का था। रश्मि ने इसके लिए क्षमा मांग ली । इसके बावजूद दूसरे दिन से युवक रश्मि के मोबाइल पर अश्लील वीडियो भेजने लगा । वह फोन कर तंग करना भी शुरू कर दिया। रश्मि ने युवक को समझाने की कोशिश की तो वह धमकियां देने लगा। तब उन्होंने इसकी शिकायत ‘वन स्टॉप सेंटर’ पर की । ‘वन स्टॉप सेंटर के प्रयासों से रिपोर्ट दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही रश्मि को एक बड़ी समस्या से छुटकारा मिल गया।

 

दुष्कर्मी को भिजवाया जेल :  बदायूं की ही एक किशोरी के पिता चाय बेचते थे। पिता के निधन बाद उनकी मां घरेलू काम-काज के लिए एक महिला के हवाले कर दूसरी शादी कर नेपाल चली गयी। काम में जरा सी लापरवाही पर किशोरी की पिटार्इ होती थी। महिला के पति उसके साथ दुष्कर्म भी करने लगे। यातना भरी जिंदगी से मुक्ति पाने के लिए किशोरी ने ‘वन स्टॉप सेंटर में शिकायत दर्ज करायी । ‘वन स्टॉप सेंटर के प्रयासों का नतीजा रहा कि किशोरी को बंधुआ मजदूरी से मुक्ति तो मिली ही उसके साथ दुष्कर्म करने वाले को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

 

टूटने से बचाया परिवार : हरदोई की सुनीता (परिवर्तित नाम) पति की प्रताड़ना से आजिज आकर लगभग आठ वर्ष से बेटी के साथ अलग रह रही थीं । पति की हरकतों की शिकायत महिला शक्ति केन्द्र की टीम से की । शिकायत मिलते ही टीम ने सुनीता के पति को तलब किया। लोगों को आश्चर्य तब हुआ जब सामने आने पर सुनीता की बेटी पिता को पहचान न सकी। पता चला कि जब वह छोटी थी तभी से पिता को देखा नहीं था। बेटी के भविष्य का वास्ता देकर महिला शक्ति केन्द्र की टीम ने पति-पत्नी की काउंसलिंग की। काफी प्रयासों के बाद वह दोनों साथ रह रहे हैं । इस तरह एक परिवार टूटने से बच गया। उन्नाव के अब्बास बाग की रहने वाली 29 वर्षीया नेहा (परिवर्तित नाम) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। नेहा पति की प्रताड़ना से त्रस्त थी। ‘वन स्टॉप सेंटर” में शिकायत दर्ज करायी। उसने बताया कि पति के कई महिलाओं से अवैध सम्बन्ध हैं । वह खुद तो शराब पीते ही हैं उसे भी जबरन शराब पिलाकर दूसरों से अवैध सम्बन्ध बनाने के लिए मजबूर करते हैं। नेहा की शिकायत पर ‘वन स्टॉप सेंटर” ने  पति को तलब किया। कई  बार की काउंसलिग के बाद पति ने भविष्य में इस तरह की गलती न करने का लिखित आश्वासन दिया। ‘वन स्टॉप सेंटर” के प्रयासों का नतीजा रहा कि महिला को न्याय तो मिला ही उसका परिवार टूटने से बच गया। सहारनपुर की रहने वाली बबिता (परिवर्तित नाम) को उसके पति ने मारपीट कर दो बच्चों के साथ घर से निकाल दिया था। वन स्टाप सेंटर से मदद लेने के बाद वह भी अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन गुजार रही है ।

 

दहेज लोभियों को मिला सबक :  बदायूं निवासी जयवीर ने बेटी अंजलि की शादी गत 28 जून को सोमेन्द्र के साथ की थी। दहेज़ की मांग को लेकर ससुराल में अंजली को प्रताड़ित किया जाने लगा। यह बात अंजली से पता चलने पर मायके के लोग उसे अपने यहां ले आये। गत 24 अगस्त को ससुराल के लोगों ने उसे यह कह कर विदा कराया कि अब भविष्य में कोई तकलीफ नहीं होगी। 31 अगस्त की शाम अंजली ने अपनी मां से टेलीफोन पर बातचीत की। उस समय सब ठीक था। इसके एक घंटे बाद पता चला कि अंजली की मौत हो गयी है। ससुराल के लोग शव को छोड़कर भाग गये थे। पोस्टमार्टम में पता चला कि अंजली की मौत जहर खाने से हुई है। परिजनों की शिकायत पर ‘वन स्टॉप सेंटर” ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करायी ।

महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि यह बदलाव अचानक यूं ही नहीं आया । इसका पूरा श्रेय जाता है प्रदेश सरकार की महिला कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ ‘वन स्टॉप सेंटर व 181 महिला हेल्पलाइन द्वारा प्रदान किये जा रहै त्वरित रेस्पॉन्स को । साथ ही महिला शक्ति केन्द्रों को, जिन्होंने प्रदेश भर में महिलाओं को सशक्त करने का काम किया है । वर्ष 2019 से अब तक महिला शक्ति केन्द्रों ने 43611 गतिविधियां  प्रतिपादित की हैं, जिनसे 3602622 लाभार्थियों को आच्छादित किया है और 1540283 महिलाओं को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा है । इसी तरह बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत वर्ष 2019 से अब तक 272831 गतिविधियां की गई हैं और 18224862 लाभार्थियों को आच्छादित किया गया है । मिशन शक्ति -3.0 में अभी तक कुल 2419830 लाभार्थियों को आच्छादित किया गया है, जिनमें 1046587 पुरुषों, 1368558 महिलाओं और 4685 ट्रांस जेंडर शामिल हैं ।