आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, भारत का नया स्वास्थ्य मॉडल



राशन से लेकर प्रशासन तक, मुफ्त इलाज से लेकर सस्ते दाम पर दवाईयां तक, अगर आज  अधिकांश भारतीय तक इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है तो उसकी वजह है- सशक्त तकनीक के माध्यम से सात वर्षों से हो रहे निरंतर सुधार। इसी कड़ी में अब देश के स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है शुरुआत जो मरीजों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के जीवन को आसान बनाने के लिए एक स्वास्थ्य संग्रह के रूप में काम करेगा और बनेगा नए भारत का नया स्वास्थ्य मॉडल राशन से लेकर प्रशासन तक, मुफ्त इलाज से लेकर सस्ते दाम पर दवाईयां तक, अगर आज  अधिकांश भारतीय तक इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है तो उसकी वजह है- सशक्त तकनीक के माध्यम से सात वर्षों से हो रहे निरंतर सुधार। इसी कड़ी में अब देश के स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है शुरुआत जो मरीजों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के जीवन को आसान बनाने के लिए एक स्वास्थ्य संग्रह के रूप में काम करेगा और बनेगा नए भारत का नया स्वास्थ्य मॉडल

एकीकृत व्यवस्था के जरिए आम जन को सहज और सुलभ सुविधा पहुंचाना मौजूदा केंद्र सरकार की नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गुणवत्तायुक्त इलाज के साथ-साथ महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आयुष्मान भारत-पीएम जय योजना निरंतर कार्यरत है। उसी का परिणाम है कि इस योजना के तहत 2 करोड़ से अधिक गरीबों और मध्यम वर्ग ने मुफ्त उपचार का लाभ उठाया है। जिसमें से आधी संख्या महिलाओं की है। सभी को उत्तम इलाज मिले, समान रूप से मिले, इस दिशा में केंद्र सरकार ने अब आयुष्मान भारत-डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के रूप में एक क्रांतिकारी पहल की है। यह एक ऐसा स्वास्थ्य मॉडल है जिसका उद्देश्य समावेशी, सुलभ और बीमारियों से बचाव पर जोर देने वाला है। यह मिशन प्रत्येक नागरिक के लिए डिजिटल हेल्थ आईडी के रूप में होगी जो उसके स्वास्थ्य खाते के रूप में काम करेगी, जिसमें उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से जोड़ा जाएगा। आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन से देश का स्वास्थ्य परिदृश्य तो बदलेगा ही, आम नागरिकों को मिलने वाली हर स्वास्थ्य सुविधा तकनीक से लैस हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी जो फिलहाल छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू है। लेकिन अब इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर शुरू कर दिया गया है। जन धन, आधार और मोबाइल (जैम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर, डिजिटल स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी लोगों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने वाला कदम है।  

इलाज की फाइल ढोने से मिलेगी मुक्ति : नए अस्पताल या नए शहर में जब मरीज जाता है, तो उसको नए सिरे से जांच आदि की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इससे न सिर्फ मरीज और डॉक्टर का समय बर्बाद होता है बल्कि मेडिकल रिकॉर्ड के अभाव से सही इलाज मिलने में भी देरी हो जाती है। लेकिन इस नए मिशन से इन परेशानियों से मुक्ति मिलेगी क्योंकि अब मरीजों का सभी रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रखा जा सकेगा। यह मिशन हेल्थ से जुड़े हर स्टेक-होल्डर को एक साथ, एक ही प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। इस मिशन का सबसे बड़ा लाभ देश के गरीबों और मध्यम वर्ग को होगा। एक सुविधा यह भी होगी कि मरीज को देश में कहीं पर भी ऐसा डॉक्टर ढूंढने में आसानी होगी, जो उसकी भाषा जानता और समझता है और उसकी बीमारी के उत्तम से उत्तम उपचार का अनुभवी है। सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, बल्कि बेहतर टेस्ट के लिए लैब्स और दवा दुकानों की भी पहचान आसानी से संभव हो पाएगी।

स्वास्थ्य सुविधा का बढ़ता आधार : देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो इस मिशन से एक नए चरण में प्रवेश कर गया है जो भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की बहुत बड़ी ताकत है। यह 5 लाख रूपये तक मुफ्त इलाज का सुविधा दिलाने वाली आयुष्मान भारत योजना का अगला चरण है, जिसकी शुरुआत तीन साल पहले अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर की गई थी। देश में हेल्थ इंफ्रा के विकास और बेहतर इलाज की सुविधाएं, देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए, नई स्वास्थ्य नीति बनाई गई। आज देश में एम्स जैसे बहुत बड़े और आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का नेटवर्क भी तैयार किया जा रहा है। हर 3 लोकसभा क्षेत्र के बीच एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी प्रगति पर है। आज गांव और घर के निकट ही, प्राइमरी हेल्थकेयर से जुड़े नेटवर्क को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स से सशक्त किया जा रहा है। अभी तक ऐसे लगभग 80 हजार केंद्र चालू हो चुके हैं। अब आयुष्मान भारत- डिजिटल मिशन, अस्पतालों में प्रक्रियाओं को सरल बनाने के साथ ही ईज ऑफ लिविंग भी बढ़ाएगा। वर्तमान में अस्पतालों में टेक्नोलॉजी का जो इस्तेमाल होता है, वो फिलहाल सिर्फ एक ही अस्पताल तक या एक ही ग्रुप तक सीमित रहता है। स्वास्थ्य क्षेत्र में पीएलआई योजनाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प को मजबूत कर रही हैं।

तकनीक से भविष्य के लिए भी तैयार हो रहा भारत : भारत में जिस तरह तकनीक को सुशासन और उसमें सुधार का आधार बनाया जा रहा है उससे जन-जन सशक्त हो रहा है। डिजिटल इंडिया अभियान ने भारत के सामान्य लोगों को डिजिटल टेक्नोल़ॉजी से कनेक्ट करके, देश की ताकत कई गुना बढ़ा दी है। आज देश में 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट यूज़र, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते, इतना बड़ा कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में कहीं नहीं है। भारत में सरकारी राशन तक लोगों की सहज पहुंच हो या फिर प्रशासनिक कामकाज के लिए तकनीक का इस्तेमाल, सामान्य भारतीय भी अब इसको महसूस करने लगा है। यूपीआई के माध्यम से कभी भी, कहीं भी, डिजिटल लेनदेन में आज भारत दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। उसी प्रकार से सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत भारत आज करीब-करीब 90 करोड़ वैक्सीन डोज लगा पाया है और उसका रिकॉर्ड उपलब्ध है तो इसमें को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म की महत्वपूर्ण भूमिका है।

निश्चित तौर से आजादी के अमृत काल में स्वस्थ भारत का मार्ग भारत के बड़े संकल्पों को सिद्ध करने और बड़े सपनों को साकार करने के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए सबको मिलकर अपने प्रयास जारी रखने होंगे और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सभी व्यक्ति, डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स, चिकित्सा संस्थानों  को इस नई व्यवस्था को तेजी से आत्मसात करना होगा।  

सुविधाएं और लाभ :

  • आधुनिक हेल्थकेयर सिस्टम के जरिए नागरिकों का सशक्तीकरण। नागरिकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक आसान पहुंच।
  • निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र होंगे इसके भागीदार।स्वास्थ्य सेवा प्रदाता होंगे अधिक सुलभ और जवाबदेह।
  • स्वास्थ्य आईडी: किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए मोबाइल और आधार नंबर से जुड़ा एक विशिष्ट पहचान पत्र।
  • हेल्थयेर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री: पंजीकृत नर्सों, डॉक्टरों,पैरामेडिकल की योग्यता, अनुभव और अन्य जानकारी का कोष।
  • स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री: देश में उपलब्ध सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी।
  • व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड एप्लीकेशन: आरोग्य सेतु एप से जुड़े किसी व्यक्ति का स्व-प्रबंधित स्वास्थ्य रिकॉर्ड।
  • डॉक्टरों तक पहुंच होगी सुलभ और लोगों के फायदे के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल बनाया जाएगा।
  • इस योजना से दूरस्थ और शहरी क्षेत्र के लोगों को समान रूप से मिलेगी मदद। जमीनी स्तर पर किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
  • डाटा की गोपनीयता को सर्वोच्च महत्व दिया जाएगा।

 

 

Source : New India Samachar