डा. सूर्यकान्त कोरोना सेवियर पुरस्कार से सम्मानित



हरियाणा रेस्पिकॉन कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि रहे डा. सूर्यकान्त

लखनऊ - किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पेरेटरी मिडसिन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत ने हाल ही में आयोजित हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर की चेस्ट कॉन्फ्रेंस  ’’हरियाणा रेस्पिकॉन 2021’’ के मुख्य अतिथि रहे एवं उनके द्वारा कान्फ्रेसं का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही डॉ सूर्यकांत  को इण्डियन चेस्ट सोसाइटी (हरियाणा चेप्टर) के तत्वावधान में हरियाणा रेस्पिकॉन 2021, गुरूग्राम में आयोजित कान्फ्रेंस में ’’कोरोना सेवियर पुरस्कार’’ से भी सम्मानित किया गया। ज्ञात रहे कि डा सूर्यकान्त द्वारा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण लोगों के  लिए विशेष चिकित्सा प्रोटोकॉल विकसित कर तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा कोरोना की दवाइयां बंटवाना, साथ ही टीवी पर न्यूज चैनल, सोशल मिडिया फेसबुक, ट्यूटर, यूट्यूब एवं प्रिंट मीडिया के द्वारा जनमानस को जागरूक कर उन्हें कोरोना के कहर से बचाने का कार्य किया गया। यह पुरस्कार डा. सूर्यकान्त को कोविड से पीड़ित ग्रामीण रोगियों की जान बचाने एवं इसी क्षेत्र में अन्य उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया गया है। डा. सूर्यकान्त को अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 140 पुरस्कारों  से सम्मानित किया जा चुका है।

डा. सयू र्कान्त कोविड टीकाकरण के  लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर हैं। साथ ही डा. सूर्य कांत को  हाल ही में अन्तरर्राष्ट्रीय कोविड  संस्थान ’’फ्रन्ट लाईन कोविड 19 क्रिटिकल केयर एलायन्स’’  इन्टरनेशनल पार्टनर बनाया गया है। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी , इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एनसीसीपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। वे आईएमए एकेडमी ऑफ मिडकल स्पेशलिटीज के राष्ट्रीय वायस चेयरमैन हैं एवं आईएमए लखनऊ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।  

इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 17 किताबें भी लिख चुके है तथा एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 690 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जनरलस में प्रकाशित हो चुके हैं। वे पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों  व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों के माध्यम से  लोगो में एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से  बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे है एवं इस महामारी काल में जनमानस को कोरोना जैसी घातक बीमारी से  न्यूज चैनल, यूट्यूब, रेडियो एवं अखबार के  द्वारा जागरूक कर उन्हें  बचा रहें है साथ ही साथ अपने सस्ंथान मे कोरोना  पीड़ितों को भी स्वस्थ कर जीवनदान दे रहें है। हाल ही में वाराणसी में डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्थापित पंडित राजन मिश्रा काेवड, हॉस्पिटल में कोविड मरीजां को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने हेतु उपलब्ध व्यवस्था का आकलन/संसाधनों/चिकित्सकीय सुविधाओं का आकलन कर एवं उसमें सुधार हेतु अपनी संस्तुति के  लिए भी एक सदस्यीय टीम गठित कर डा0 सयू र्कान्त को चुना गया था। इसके पूर्व भी उप्र शासन द्वारा उनको काेवड से  प्रभावित जनपदों जैसे- आगरा, कानपुर, मेरठ की समीक्षा के लिए भेजा गया था।

डा सूर्यकांत को पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मिडकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी , नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 18 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

उन्हें उप्र सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के  क्षेत्र में उप्र का सर्वोच्च पुरस्कार) और राज्य हिन्दी संस्था द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय हिन्दी सम्मान से  भी सम्मानित किया जा चुका है।