आयुष्मान कार्ड होगा पास तो बढ़ जाएगी स्वस्थ जीवन की आस



  • इमरजेंसी में बिना समय गंवाए मिलेगा इलाज का लाभ
  • आकस्मिक बीमारियों में होता है एक-एक पल कीमती

लखनऊ -  प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत का आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) आपकी जेब में है तो किसी भी आकस्मिक बीमारी में बिना वक्त गंवाए चिकित्सक आपको नया जीवन दे सकते हैं, क्योंकि कुछ आकस्मिक बीमारियों में एक-एक पल की बड़ी अहमियत होती है । यही कारण है कि केंद्र व प्रदेश सरकार वह हरसम्भव कदम उठा रही है कि पात्र लाभार्थियों का जल्द से जल्द आयुष्मान कार्ड बना दिया जाए ताकि उनको किसी भी आड़े वक्त में इलाज के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत न पड़े और न ही कर्ज लेकर इलाज के लिए विवश होना पड़े । इसी को ध्यान में रखते हुए अब घर व गाँव के करीब शिविर लगाकर मुफ्त में आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं । इसलिए अगर आप योजना के पात्र लोगों की सूची में हैं तो नौ अगस्त तक चलने वाले विशेष आयुष्मान पखवाड़े में आस-पास लगने वाले शिविर में जाकर मुफ्त में कार्ड बनवा सकते हैं ।

आयुष्मान भारत योजना देश में कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त में सालाना पांच लाख रूपये तक की बीमा कवरेज मुहैया कराती है। यह दुनिया की सबसे बड़ी और पूरी तरह से सरकारी खर्च पर चलने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है । इसमें 1000 से ज्यादा कैंसर और दिल की बीमारी जैसी कई गंभीर बीमारियों के लिए प्रदेश में 2900 सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है । जिस पात्र लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड है वह छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों तक का इलाज अस्पताल में भर्ती होकर करवा सकते हैं । बीमारी की स्थिति में सभी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज व दवा का खर्च इसके तहत कवर होता है। अगर कोई व्यक्ति कार्ड बनने से पहले से बीमार है तो भी उसका इलाज इस योजना के अंतर्गत होगा।इन बीमारियों में मैटरनल हेल्थ और सी-सेक्शन या उच्च जोखिम प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, कैंसर, टीवी, कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, डायबीटीज, कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना, स्टंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी इस हेल्थ बीमा में कवर किए जा रहे हैं ।

स्टेट एजेंसी फ़ॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीस) -उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार का कहना है - “यदि चिकित्सालय को ज्ञात है कि मरीज के परिवार के अन्य सदस्य कार्डधारक हैं अथवा प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का पत्र लाभार्थी परिवार के पास उपलब्ध है तो ऐसी परिस्थिति में चिकित्सालय कार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया के साथ-साथ मरीज का इलाज अविलम्ब शुरू कर सकता है ।”

ऑनलाइन या ऑफलाइन जाँच सकते हैं पात्रता : योजना के दायरे में आते हैं कि नहीं, इसका पता ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं। ऑनलाइन तरीके से पता करने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट pmjay.gov.in पर जाएंऔर दाहिनी तरफ ऊपर की ओर एम आई एलिजिबल (क्या मैं पात्र हूँ) लिखा दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने पर एक पेज खुलेगा और बायीं तरफ लागिन लिखा होगा। इसके ठीक नीचे अपना मोबाइल नंबर डालना है। इसके ठीक नीचे कैप्चा कोड भरें और जनरेट ओटीपी पर क्लिक करें।आपके मोबाइल पर एक कोड आएगा। इसे दर्ज करें और इसके ठीक नीचे लिखे नियम शर्तों की स्वीकृति के सामने बने एक बॉक्स पर क्लिक करके सब्मिट पर क्लिक कर दें। अब पेज पर बायीं तरफ ऊपर की ओर सर्च लिखा दिखाई देगा। इसके ठीक नीचे सेलेक्ट स्टेट पर अपना राज्य चुनें।इसके ठीक नीचे सेलेक्ट कैटेगरी पर क्लिक करें। यहां आपको अपना नाम सर्च करने के लिए पांच ऑप्शन (नाम, एचडीडी नंबर, राशन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर)मिलेंगे। किसी भी एक ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद पिता का नाम, मां का नाम, जेंडर, शहरी या ग्रामीण आदि जानकारी देनी होंगी और फिर सर्च पर क्लिक करें। अगर नाम योजना में है तो वह ठीक बराबर में सर्च रिजल्ट में दिख जाएगा। नाम आने का मतलब है कि आप इस योजना का लाभ उठाने के योग्य हैं। रिजल्ट में जहां आपका नाम होगा, उसी लाइन में एचएचआईडी दिखाई देगा। इस नंबर को नोट कर लें। यह नंबर ही महत्वपूर्ण है। एचएचआईडी का मतलब हॉउस होल्ड है। इसे परिवार का मुखिया माना जाता है और परिवार के सभी सदस्य योजना के योग्य हो जाते हैं।

इसके अलावा फोन कॉल करके भी पात्रता जांच सकते हैं ।सबसे पहले अपने पास आधार नंबर और राशन कार्ड नंबर रखें।अब अपने मोबाइल से 14555 या 180018004444 डायल करें । यह नंबर योजना के टोल फ्री हेल्पलाइन से जुड़े हैं और इन पर हफ्ते के सभी दिन 24 घंटे बात की जा सकती है।इन नंबरों पर पूछ सकते हैं कि नाम इसमें है या नहीं? इसके लिए मोबाइल नंबर, आधार नंबर या राशन कार्ड नंबर आदि पूछा जा सकता है। इसके बाद जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा जो भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान योजना से जुड़े है, वहां मौजूदआरोग्य मित्र से भी योग्यता का पता लगा सकते हैं। आरोग्य मित्र कुछ जानकारी मांगेगे और साथ ही पहचान पत्र जैसे राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस , आधार कार्ड या वोटर कार्ड आदि का नंबर पूछ सकते हैं। आप अगर इस योजना में शामिल होने के योग्य होंगे तो आपको पता चल जाएगा