नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात जापान और चीन की चार दिनों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं।
अपने प्रस्थान वक्तव्य में, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि जापान और चीन की उनकी यात्रा भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगी और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, सुरक्षा तथा सतत विकास को आगे बढ़ाने में सार्थक सहयोग के निर्माण में योगदान देगी। बता दें कि प्रधानमंत्री 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए टोक्यो जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर होगा, जिसमें पिछले ग्यारह वर्षों में निरंतर और महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और वे सहयोग को नई ऊंचाई देने, भारत-जापान आर्थिक और निवेश संबंधों के दायरे और महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करने, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेमीकंडक्टर सहित नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे जापान के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत शंघाई सहयोग संगठन का एक सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है। उन्होंने कहा कि भारत साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के लिए शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वे शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने को उत्सुक हैं।