लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार प्राचीन मंदिरों के आसपास पर्यटक सुविधाओं के विकास और सौंदर्यीकरण के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राचीन मंदिरों के विकास, सौंदर्यीकरण और मूलभूत सुविधाओं के लिए 45 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य मंदिरों की भव्यता को पुनर्स्थापित कर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि धार्मिक पर्यटन में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी है। प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे तीर्थ स्थल विशेष रूप से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं। वहीं, गोरखपुर भी ऐसे ही प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरा है, जहाँ मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों की वृहद श्रृंखला मौजूद है।
गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर, श्री दिगंबर जैन मंदिर, जटाशंकर गुरुद्वारा, रामकृष्ण देव मंदिर, प्राचीन कालिका स्थान, चित्रगुप्त मंदिर, संत कबीर आश्रम और श्री रामजानकी मंदिर सहित अनेक प्राचीन धार्मिक स्थल हैं। जिले में भगवान शिव और माता मंदिरों की श्रृंखला भी मौजूद है, जहाँ देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।पर्यटन विकास से न केवल स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी। पर्यटन विभाग के प्रयासों से रोजगार के अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर, रामगढ़ ताल, गीता वटिका और गीता प्रेस जैसे स्थान भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा जिले में कई पार्क और संग्रहालय भी हैं।पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 36,52,451 पर्यटक गोरखपुर घूमने आए थे। वर्ष 2025 के पहले तीन महीनों में जनवरी से मार्च तक 15,46,765 पर्यटक आए। विभाग को उम्मीद है कि वर्षांत तक गोरखपुर में पर्यटकों की संख्या 50 से 55 लाख के बीच रह सकती है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग होमस्टे सुविधाओं को भी प्रोत्साहित कर रहा है, जिससे पर्यटकों को अधिक आवास विकल्प मिलेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के साथ उन्हें आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने की योजना को मूर्त रूप दे रहा है। इन परियोजनाओं के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों का पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इस पहल से आधुनिक आधारभूत ढांचे का निर्माण होगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। इन प्रयासों का उद्देश्य धार्मिक विरासत को आधुनिक रूप देकर पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय संस्कृति को संजोए रखना है।